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Friday 13 December 2019 05:26:25 PM
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान नई दिल्ली में नौसेना की हथियार प्रणालियों पर चौथी अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सह प्रदर्शनी नवआर्म्स-2019 में भाग लिया, जिसका विषय है-'मेक इन इंडिया युद्ध श्रेणी : अवसर और आवश्यकताएं'। नौसेना प्रमुख ने उद्घाटन भाषण में कहा कि रक्षा क्षेत्र में पर्याप्त गुंजाइश है और यदि भारत विकसित अर्थव्यवस्था बनना चाहता है तो उसे इसका उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हथियार प्रणाली उपप्रणालियों का एक जटिल मिश्रण है, जिनमें से प्रत्येक में बड़ी मात्रा में प्रौद्योगिकियों का संग्रह है, धातु विज्ञान, कंपोजिट्स, प्रोपेलेंट और रॉकेट टेक्नोलॉजी से माइक्रोवेव तक विविध उद्योग तत्वों को एकल हथियार परियोजना में आने की अनुमति देता है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने उद्योगजगत का उत्पादन, मरम्मत, रखरखाव और उन्नयन के लिए व्यापक नौसेना इको-सिस्टम का इस्तेमाल करने का आह्वान किया। नौसेना प्रमुख ने कहा कि हथियार प्रौद्योगिकी की त्वरित प्रगति एक महत्वपूर्ण चुनौती है, इसके लिए अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास और तेजी से उत्पादन किए जाने की आवश्यकता है, साथ ही गुणवत्ता, मात्रा और लागत से संबंधित मुद्दे भी हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्रबलों के तेजी से आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण के रास्ते पर मजबूती से अग्रसर होने के साथ ही परिस्थितियां हमें स्वदेशी रक्षा औद्योगिक आधार विकास श्रृंखला के अगले स्तर तक ले जाने के लिए उपयुक्त हैं। नौसेना आयुध निरीक्षण के महानिदेशक रियर एडमिरल संजय मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि यह नौसेना हथियार प्रणालियों पर देश में होने वाली एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी व प्रदर्शनी है और वर्तमान में इसके चौथे संस्करण का आयोजन किया जा रहा है।
एडमिरल संजय मिश्रा ने कहा कि अगले दो दिन में संगोष्ठी के दौरान नौसेना हथियार प्रणालियों के स्वदेशीकरण को प्रोत्साहन देने के तरीकों और साधनों पर जोर दिया जाएगा। एडमिरल संजय मिश्रा ने कहा कि वह स्वदेशी हथियारों को शीघ्रता से स्वदेशी प्लेटफॉर्म पर भेजने में घरेलू उद्योगजगत के अंतर्निहित सामर्थ्य और क्षमता का इस्तेमाल किए जाने को लेकर आशांवित हैं। एसआईडीएम के अध्यक्ष जयंत डी पाटिल ने स्वदेशीकरण के क्षेत्र में भारतीय नौसेना के वास्तविक और अग्रणी योगदान और साथ हीछह वर्ष में इस क्षेत्र में परिवर्तनों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी हथियार प्रणालियों को बढ़ावा देने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में नवआर्म्स 2019 एक उत्कृष्ट अवसर है, साथ ही यह संगोष्ठी सहयोगपूर्ण सिद्धांत प्रदान करती है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स के महानिदेशकसुजीत हरिदास ने कहा कि नवआर्म्स 2019 को सभी हितधारकों की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम बनाने की दिशा में सीआईआई और एसआईडीएमने नौसेना के साथ मिलकर बहुत काम किया है। सुजीत हरिदास ने कहा कि रक्षा खरीद ढांचे, संरचनाएं और प्रक्रियाएं परिवर्तन के दौर से गुजर रही हैं और मौजूदा परिवर्तन एवं बाद के परिणाम मेक इन इंडिया पहल को और ज्यादा मजबूती प्रदान करेंगे। रक्षा प्रौद्योगिकी पर नवआर्म्स प्रदर्शनी में आयुध फैक्टरी, डीपीएसयू, निजी फैक्टरियों (घरेलू और विदेशी दोनों) तथा भारतीय नौसेना की अत्याधुनिक और उपयुक्त रक्षा प्रौद्योगिकियों को दर्शाने वाले दर्शनीय उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में तीन सेवाओं, रक्षा मंत्रालय, डीआरडीओ, डीजीक्यूए, डीजीएक्यूए,ओएफ, डीपीएसयू, भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय उद्योगों के प्रतिनिधियों और मित्र देशों के विदेशी दूतावासों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।