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Tuesday 02 April 2013 06:47:41 AM
देहरादून। उत्तराखंड के पशुपालन मंत्री की अध्यक्षता में पशु कल्याण बोर्ड की समीक्षा बैठक में गौ संरक्षण सहित अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनके तहत नगर निगमों, नगरपालिकाओं से संचालित 23 पशुवधालयों के अतिरिक्त अन्य समस्त पशुवधालयों पर सख्त वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु राज्य के जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों की अध्यक्षता में गठित पशुवधालय समितियों के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी।
राज्य में 100 वन पंचायतों में गौ सदनों की स्थापना हेतु पर्वतीय क्षेत्रों में मुख्य पशुचिकित्साधिकारी तथा प्रभागीय वनाधिकारी संयुक्त रूप से स्थलों का चिन्हीकरण करेंगे तथा इन वन पंचायतों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के माध्यम से 5 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की जाएगी। देहरादून में आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण हेतु नगर निगम देहरादून केदारपुरम में इनके लिए तत्काल आश्रय स्थल एवं आपरेशन थियेटर बनाकर परियोजना चलाने का निर्णय लिया गया। शहरी विकास विभाग उत्तराखंड को इसकी तत्काल स्वीकृति के निर्देश दिए गए। बैठक में निर्णय के अनुसार डिस्पेंसरी रोड देहरादून के पशुचिकित्सालय के अधिग्रहण के एवज में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को ट्रांसपोर्ट नगर में स्टेट ऑफ आर्ट, पशुचिकित्सालय निर्माण हेतु स्पेशल प्लान असिस्टेंस के अंतर्गत दिए जाने वाले राज्यांश 12 करोड़ का वहन एमडीडीए करेगा।
पशु कल्याण एवं गौरक्षा से संबंधित बिंदुओं पर प्रभावी कार्रवाई हेतु एक राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी पुलिस मुख्यालय में नियुक्त होगा। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत लाभ से वंचित गौ सदनों को मदद के लिए 2.18 करोड़ की अतिरिक्त सहायता का प्राविधान किया गया है। नगर निगम के कांजी हाउस का संचालन गैर सरकारी संस्था के सहयोग से होगा। राज्य सरकार गौ सदनों में शरणागत निराश्रित गायों को चिकित्सा, टीकाकरण, औषधि, स्वास्थ्य परीक्षण, भरण-पोषण आदि मदों के लिए राजकीय सहायता देगी। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में न्यूनतम 50 के स्थान पर 25 निराश्रित गौवंशीय पशुओं को शरण देने वाले गौ सदनों को भी राजकीय अनुदान हेतु पात्र माने जाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए, ताकि कम संख्या वाले निराश्रित गौवंशीय पशुओं वाले गौ सदनों को लाभ दिलाया जा सके। निराश्रित गौवंश को शरण देने वाले गौ सदनों में गौवंशीय पशुओं को निशुल्क चिकित्सा, टीकाकरण की सुविधा मिलेगी।
उत्तराखंड गौवंश संरक्षण निधि की भी इसी के साथ बैठक हुई जिसमें उत्तराखंड गौवंश संरक्षण निधि नियमावली नियम 7(5) के अनुरूप पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय से निष्प्रयोज्य गौवंशीय पशुओं को गौ सेवा सदन बाजपुर ले जाने के लिए परिवहन मद में 40 हजार रुपए की सहायता तथा इसी नियम के तहत उत्तर प्रदेश सीमा में लगे जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल में गौ तस्करों से जब्त गौवंशीय पशुओं को निकटवर्ती गौ सदनों तक ले जाने के लिए परिवहन मद में 80 हजार रुपए का स्थाई अग्रिम स्वीकृत किया गया है। प्रस्ताव तैयार किया गया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार अपनी ओर से उत्तराखंड गौवंश संरक्षण निधि में प्रतिवर्ष राजकीय योगदान दे। गौवंश संरक्षण के लिए विभिन्न गैर सरकारी एवं अर्द्धसरकारी प्रतिष्ठान से प्राप्त होने वाले दान को भारत सरकार के आयकर विभाग से 121 एवं 80 के तहत पंजीकरण कराने हेतु लेखा संपरीक्षण के लिए चार्टड एकाउंटेंट की नियुक्ति की जाएगी।
इस अवसर पर सचिव पशुपालन अरूण कुमार ढौडियाल, निदेशक पशुपालन डॉ कमल मेहरोत्रा, अपर सचिव वित अर्जुन सिंह, अपर प्रमुख वन संरक्षक एससी पंत, पुलिस अधीक्षक एससीआरबी नीलेश आनंद भरणे, मुख्य चिकित्साधिकारी नगर निगम डॉ गुरुपाल सिंह, प्रभारी अधिकारी बोर्ड डॉ आशुतोष जोशी आदि उपस्थित थे।