स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 03 April 2013 04:38:47 AM
देहरादून। उत्तराखंड के पर्वतीय एवं दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत परेड ग्राउड देहरादून में खुशियों की सवारी में शामिल किए गए 90 एंबुलैंस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर उनके गंतव्य के लिए रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां विषम हैं, जिस कारण राज्य की जनता को प्रतिदिन आवागमन से जुडी समस्याओं को झेलना पड़ता है, ऐसे में किसी बीमारी अथवा आपातकालीन स्थिति में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचना बहुत कठिन होता है। उन्होंने कहा कि विकास के कार्यो में सभी को आगे बढ़कर कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मरीजों को सकुशल घर से अस्पताल तथा अस्पताल से घर तक पहुंचाना एक बहुत बड़ी चुनौती बनी रहती है। इस समस्या को दूर करने के लिए पर्वतीय सीमांत दुर्गम क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत खुशियों की सवारी योजना का शुभारंभ किया गया है, इसके अंतर्गत गर्भवती महिला और नवजात शिशु को प्रसव के लिए अस्पताल तथा अस्पताल से घर तक छोड़ने की निःशुल्क सुविधा मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अल्मोडा, रूद्रपुर व देहरादून में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है, देहरादून एवं अल्मोडा के मेडिकल कॉलेज में जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए 723 करोड़ का बजट स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रखा गया है तथा डॉक्टरों का वेतन दुगुना किया गया है, चारधाम यात्रा के लिए एनजीओ का भी सहयोग लिया जा रहा है, चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य कैंप का भी आयोजन किया जाएगा, इसके लिए 15 स्थानों पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को विभिन्न योजनाओं के लिए 82 करोड़ रूपए की धनराशि जारी की है, जिसका श्रेय केंद्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत को जाता है। उन्होंने कहा कि पंपिंग योजना तथा जल विद्युत परियोजना और पर्यटन के क्षेत्र में पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए ग्रीन ट्रेवन बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 70 प्रतिशत जंगल है, जिसके लिए केंद्र सरकार से ग्रीन बोनस दिए जाने की मांग की गई है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत ने कहा है कि उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में बहुत बड़ा काम है, जिसके लिए राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को संगठित करने के लिए लंबी दूरी तय करनी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सही तरह से उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए धनराशि मुहैया करा रही है। उन्होंने कहा कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत खुशियों की सवारी से आशा कार्यकत्री एवं एएनएम भी जुड़ी है, जो इस कार्यक्रम का अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक प्रचार प्रसार करें तथा पात्रों को इस योजना से लाभांवित करें। उन्होंने बताया कि लखवाड़ ब्यासी विद्युत परियोजना स्वीकृति पर है तथा राज्य में पानी स्टोर करने की भारी संभावना है, भारत सरकार बाढ़ नियंत्रण तथा पेयजल समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार की भरपूर मदद करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखंड सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार ने यह एक नई शुरूआत की है, उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थिति जटिल हैं, पहाड़ी क्षेत्रों में मरीजो को अस्पताल आने-जाने में काफी मुश्किलों और जान जोखिम का सामना करना पड़ता है, राज्य भर में मातृ मुत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम कर संस्थागत प्रसव को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए संविदा डॉक्टरों का वेतन 27000 हजार से 48000 हजार कर दिया गया है तथा 500 आयुर्वेदिक डॉक्टर जल्द ही भर्ती किए जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत देहरादून जिले हेतु 7 वाहन, हरिद्वार 6, पौड़ी 7, रूद्रप्रयाग 3, चमोली 6, टिहरी 5, उत्तरकाशी 4, ऊधमसिंह नगर 8, चंपावत 4, नैनीताल 6, पिथौरागढ़ 7, अल्मोडा 6 तथा जनपद बागेश्वर हेतु 3 खुशियों की सवारी वाहन उपलब्ध कराए गए हैं।
इस अवसर पर श्रम, सेवायोजन, लघु उद्योग खादी एवं ग्रामोउद्योग मंत्री हरीश दुर्गापाल, विधायक नरेंद्र नगर सुबोध उनियाल, विधायक राजपुर राजकुमार, विधायक कपकोट ललित फरस्वाण, विधायक प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी, शूरवीर सिंह सजवाण, सूर्यकांत धस्माना, जोत सिंह गुनसोला, मनोरमा शर्मा, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम अशोक वर्मा, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एस रामास्वामी, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ योगेश शर्मा, जिलाधिकारी देहरादून बीवीआरसी पुरूषोत्तम, सीओ सुबोध सत्यवादी, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।