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Thursday 04 April 2013 09:35:44 AM
देहरादून। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यू-सेक) ने इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन) अहमदाबाद के तकनीक सहयोग से नंदा राजजात यात्रा-2013 का रूट मैप और वेब पोर्टल तैयार किया गया है। यात्रा के दूर-दराज के क्षेत्रों को टेली कम्यूनिकेशन लिंकेज, दैवीय आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का सीधा प्रसारण कराने के लिए भी कार्य योजना तैयार की गई है। इस संबंध में मंगलवार को सचिवालय में इसरो, अहमदाबाद के वैज्ञानिकों के दल ने मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन से मुलाकात की।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड में अंतरिक्ष संचार तंत्र विकसित करना बहुत जरूरी है। दैवीय आपदा के समय में सूचनाओं के समय से आदान-प्रदान न होने से भी राहत कार्य में दिक्कत आती है। उन्होंने अंतरिक्ष उपयोग केंद्र से जु़ड़े वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि सेटेलाइट फोन और अन्य संचार तकनीक उपलब्ध कराकर राज्य के विकास में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि राजजात यात्रा के लिए जून तक यात्रा मार्ग पर जरूरी उपकरण क्रियाशील कर दें।
यू-सैक के निदेशक डॉ एमएम किमोठी ने बताया कि राजजात यात्रा मार्ग में चिंहित स्थानों पर अगस्त-सितंबर माह में कम्यूनिकेशन लिंकेज और सजीव प्रसारण करने की योजना है। इसके जरिये यात्रा की निगरानी भी की जा सकती है। यात्रा के 18 पड़ावों पर ओबी (आउट डूर ब्राडकास्टिंग) वैन तैनात किये जाएंगे। इसके अलावा 5 कंट्रोल रूम के माध्यम से यात्रा मार्ग के पूरे नेटवर्क पर नज़र रखी जाएगी।
इसरो, हैदराबाद के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ वीरेंद्र कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संपूर्ण कार्य योजना की जानकारी मुख्य सचिव को दी। बैठक में इसरो के वैज्ञानिक, सचिव पर्यटन उमाकांत पंवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।