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Tuesday 25 February 2020 06:05:13 PM
नई दिल्ली। देश की सुरक्षा सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर जवानों की याद में राजधानी नई दिल्ली में बने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को एक वर्ष पूर्व 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र सेनाओं को समर्पित किया था। यह कृतज्ञ राष्ट्र के उन शूरवीरों को पुष्पांजलि अर्पित करने का स्थान है, जो विभिन्न बाहरी युद्धों और 1947 से सशस्त्र सेना के सामने आने वाली आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करते हुए कर्तव्य पालन के दौरान शहीद हो गए।
सशस्त्र सेना को समर्पित करने के बाद से अबतक 21 लाख विदेशी और घरेलू पर्यटक इस स्मारक को बड़े उत्साह के साथ देख चुके हैं। रोजाना 5 हजार से 7 हजार लोग यहां पर आते हैं, जिनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के स्कूलों के छात्रों की बड़ी संख्या शामिल है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले एक वर्ष में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में तीन बार श्रद्धासुमन अर्पित कर चुके हैं। दिन का सबसे अधिक मर्मस्पर्शी क्षण हर शाम पुष्पचक्र रखने का समारोह होता है, जिसमें शहीदों के परिवार का कोई सदस्य अमर चक्र रखता है। पहला वार्षिक समारोह लगातार तीन दिन तीनों सेनाओं के बैंड प्रदर्शन के साथ 22 फरवरी से शुरू हुआ।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में आज तीनों सेनाओं के भूतपूर्व सैनिकों के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल विपिन रावत ने अमर चक्र रखा। भारतीय सेना के इतिहास पर आधारित एक क्विज प्रतियोगिता 26 फरवरी को आयोजित की जाएगी, जिसमें दिल्ली के स्कूलों और कॉलेजों के छात्र भाग लेंगे। यह नागरिकों के लिए सशस्त्र सेनाओं के सदस्यों के साथ बातचीत करने और भारत की पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के समारोह में भाग लेने का अच्छा अवसर है।