स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 5 March 2020 05:28:39 PM
नई दिल्ली। भारतीय सेना में उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी ने 'भविष्य के युद्ध पर गंभीर विचार-विमर्श और विश्लेषण' पर नई दिल्ली में दो दिवसीय प्रज्ञान सम्मेलन-2020 के समापन पर दोहराया है कि भारतीय सेना को कार्रवाई के सभी पक्षों की तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि युद्ध की प्रकृति बनी रहती है, लेकिन उसकी विशेषता बदलती रहती है। उन्होंने नई प्रौद्योगिकी अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसपर अत्यधिक निर्भरता नहीं होनी चाहिए। उपसेना प्रमुख के विशेष संबोधन के बाद दो पैनल चर्चाएं हुईं, पहले सत्र में ट्रांसफॉरमेशन इन द बैटलस्पेसेज विषय पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने 21वीं सदी के युद्ध स्थल में परिवर्तन पर विशेष कर अग्नेय शक्ति और अन्य युद्ध साजोसामान के संदर्भ में फोकस किया।
पैनल चर्चाओं के दूसरे सत्र में हाइब्रिड/सबकंवेंशनल वारफेययर विषय, धुंधले क्षेत्र में कार्रवाई, शहरी युद्ध, बिना सरकारी समर्थन के लड़ाकुओं और प्रौद्योगिकी तथा सोशल मीडिया जैसी समकालीन चुनौतियों पर चर्चा की गई। प्रज्ञान सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों, सेना के तीनो अंगों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, देश के अग्रणी थिंग टैंक और अकादमिक संस्थानों ने सक्रिय भागीदारी की। प्रज्ञान सम्मेलन में भारतीय सेना से संबद्ध स्वायत्त थिंक टैंक सीएलएडब्ल्यूएस ने बदलते सुरक्षा परिदृश्य और जमीनी युद्ध की विकसित प्रकृति में भारत की रणनीतिक और सैन्य सोच पर भी चर्चा की।