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Thursday 19 March 2020 04:12:01 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा विभाग और सैन्य मामलों के विभाग के कार्यक्षेत्रों के निर्धारण के पश्चात रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की पहली बैठक हुई, जिसमें तेजस लड़ाकू विमान खरीद को मंजूरी दी गई। अधिग्रहण विंग डीएसी का सचिवालय है और अधिग्रहण विंग पर कैपिटल अधिग्रहण प्रक्रिया की जवाबदेही है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अंतर्गत विमान विकास एजेंसी ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस का स्वदेशी डिजाइन तैयार किया है, इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने निर्मित किया है। गौरतलब है कि चालीस तेजस विमानों की खरीद के आदेश दिए जा चुके हैं।
रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 83 और तेजस विमानों की खरीद की मंजूरी दी है, जो विमान का आधुनिक एमके-1ए वर्जन होगा। इसके लिए संविदा और अन्य मामलों को अंतिम रूप दिया गया है एवं संबंधित प्रस्ताव को सुरक्षा पर संसदीय समिति के समक्ष विचार के लिए रखा गया है। तेजस लड़ाकू विमान खरीद से मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि विमान का डिजाइन और विकास स्वदेशी तकनीक से किया गया है। इनका निर्माण एचएएल के अतिरिक्त कई अन्य स्थानीय निर्माताओं के सहयोग से किया गया है। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 1,300 करोड़ रुपये के स्वदेशी रक्षा उपकरणों के अधिग्रहण की भी मंजूरी दी है।
भारतीय वायुसेना के हॉक एमके-32 विमान के लिए एरियल फ़्यूज और ट्विन-डोम सिमुलेटर की खरीद के लिए भी प्रस्ताव रखे गए। डीएसी ने रक्षा खरीद प्रक्रिया 2016 में संशोधन को मंजूरी दी थी। इस संशोधन से कॉस्टिंग कमेटी उन निविदाओं की समीक्षा करने में सक्षम होगी, जिन्हें रक्षा सार्वजनिक उद्यमों या आयुध निर्माण बोर्ड और डीआरडीओ ने प्रस्तुत किया है। इसमें रक्षा वस्तुओं की खरीद नामांकन के आधार पर की जाती है, इससे कीमतों में अधिक पारदर्शिता आएगी और निविदा को अंतिम रूप देने में कम समय लगेगा।