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Saturday 06 April 2013 10:29:17 AM
मांडूवाला, देहरादून। सरस्वती विद्या मंदिर की केशव विद्यापीठ मांडूवाला के वार्षिक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने अनेक प्रस्तुतियां दीं, जो मन को छूने वाली थीं और जो भारतीय संस्कारों से रची बसी हुई थीं। पुरस्कार वितरण कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि अमेरिकन जूलियन व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के उत्तरांचल प्रांत के प्रांत प्रचारक डॉ हरीश ने दीप प्रज्जवलन कर किया, इसके पश्चात सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी गई। अतिथियों का परिचय व विद्यालयी कार्यों के बारे में व्यवस्थापक जसवंत सिंह नेगी ने विस्तार से बताया।
मुख्य अतिथि अमेरिकन जूलियन ने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार की भी जरूरत है, जिसे विवेकानंद ने कर दिखाया, जो भारत ही नहीं विश्व के लिए मिसाल हैं, आज ये संस्कार विद्या मंदिर के छात्रों में देखने को मिल रहे हैं, वे बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम से काफी प्रभावित दिखे। जूलियन फिलहाल गंगा पर शोध कर रहे हैं, वे भारतीय संस्कृति में पूरी तरह रचना बसना चाहते हैं। कार्यक्रम के मौके पर विद्यालय के छात्र, छात्राओं ने अनेक गीतों पर अतिथियों व अभिभावकों के मन को छुआ। एकल गीत रीचा धीमान ने चीर कर कठिनाइयों को...प्राची कंडवाल ने आंखियों म रीतणी..दिव्या व उनके साथियों ने लोक नृत्य (राजस्थानी) म्हानों अच्छों लागो जी..व समूह गान केसरी बनाए सजाए..गंगा पर आधारित गीत कल-कल छल-छल..की जोरदार प्रस्तुतियां देकर बच्चों ने समा बांध दिया।
इस मौके पर मेधावी छात्रों को विद्यालय की ओर से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अमर सिंह कंडवाल ने की, जबकि संचालन आचार्य राजेश ने किया व धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष ने किया। इस मौके पर विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य राकेश मंदोला, डॉ लफीन इंस्टीट्यूट के डॉ अरूण आदि मौजूद थे। राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम् के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।