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Saturday 16 May 2020 11:37:42 AM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने घरेलू रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक परीक्षण अवसंरचना का निर्माण करने के लिए 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम को शुरू करने की मंजूरी प्रदान की है। यह योजना पांच वर्ष की अवधि के लिए होगी और इसमें निजी उद्योगों की साझेदारी के साथ छह से आठ नई परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। इससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन में मदद मिलेगी, जिसके फलस्वरूप सैन्य उपकरणों का आयात कम होगा और देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम के अंतर्गत परियोजनाओं को ‘अनुदान-सहायता’ के रूपमें 75 प्रतिशत तक धन सरकार उपलब्ध कराएगी। परियोजना की लागत का शेष 25 प्रतिशत विशेष प्रयोजन इकाई वहन करेगी, जिसकी घटक भारतीय निजी संस्थाएं और राज्य सरकारें होंगी। इस परियोजना में एसपीवी को कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पंजीकृत किया जाएगा और वह उपयोगकर्ता शुल्क एकत्रित करके इस योजना के अंतर्गत सभी परिसंपत्तियों का स्वधारणीय तरीके से संचालन और रखरखाव भी करेगा। परीक्षण किए गए उपकरणों/ प्रणालियों को उपयुक्त मान्यता के अनुसार प्रमाणित किया जाएगा।
हालांकि अधिकांश परीक्षण सुविधाओं के दो रक्षा औद्योगिक गलियारों (डीआईसी) में ही समाहित होने की उम्मीद है, लेकिन इस योजना को केवल डीआईसी में टेस्ट सुविधाएं स्थापित करने तक ही सीमित नहीं रखा गया है। डीटीआईएस के दिशा-निर्देशों को रक्षा मंत्रालय/ डीडीपी और डीजीक्यूए के वेबसाइटों पर अपलोड कर दिया गया है। इसे https://ddpmod.gov.in/sites/default/files/pdfupload/DTIS%20Guidelines.pdf लिंक पर प्राप्त किया जा सकता है।