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Monday 1 June 2020 02:30:07 PM
पोर्टब्लेयर। भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने अंडमान और निकोबार कमांड (सीआईएनसीएएन) के 15वें कमांडर-इन-चीफ के रूपमें पदभार संभाल लिया है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को जनरल ऑफिसर को इंजीनियर्स कोर (द बॉम्बे सैपर्स) में दिसंबर 1982 में कमीशन दिया गया था। वे स्टाफ कॉलेज केम्बरली (यूनाइटेड किंगडम) से स्नातक हैं और उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज मऊ तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज दिल्ली में हायर कमांड कोर्स किया है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने 37 वर्ष की विशिष्ट सेवा के दौरान ऑपरेशन विजय और पराक्रम में सक्रिय भाग लिया है।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास एक इंजीनियर रेजिमेंट स्ट्राइक कोर के हिस्से के रूपमें एक इंजीनियर ब्रिगेड, नियंत्रण रेखा के पास एक इन्फैंट्री ब्रिगेड, पश्चिमी लद्दाख के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में एक माउंटेन डिवीजन, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात कोर के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र में काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशंस की कमान भी संभाली है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को सेना में उनके करियर में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिली हैं, उन्हें इथियोपिया और इरिट्रिया में संयुक्तराष्ट्र मिशन में मुख्य चीफ इंजीनियर रहे और वर्तमान नियुक्ति संभालने से पहले सेना मुख्यालय में अनुशासन समारोह-शिष्टाचार और कल्याण के विषयों से संबंधित विभाग के महानिदेशक थे।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने लेफ्टिनेंट जनरल पोडली शंकर राजेश्वर का स्थान लिया है, जो अंडमान और निकोबार कमान के 14वें कमांडर-इन-चीफ थे और 31 मई 2020 को सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने भी अपने चार दशक लम्बे करियर में शानदार कार्य किए हैं। सीआईएनसीएएन के रूपमें अपने कार्यकाल में लेफ्टिनेंट जनरल राजेश्वर ने एएनसी की युद्ध सम्बंधी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया, उनकी कमान में इंडो-थाई कोऑर्डिनेटेड पैट्रोल का 29वां संस्करण 13 से 21 फरवरी 2020 तक सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल राजेश्वर का सक्रिय रूपसे समन्वय बहुत अच्छा था, उन्होंने कोरोना महामारी से निपटने और द्वीपों में लोगों की सहायता करने के लिए अंडमान और निकोबार प्रशासन के साथ मिलकर काम किया। विशिष्ट सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल राजेश्वर 26 जनवरी 2020 को परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित हो चुके हैं और उन्हें नवंबर 2019 में भारत के राष्ट्रपति के लिए मानद एड-डी-कैंप के रूपमें नियुक्ति दी गई थी।