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सामने आया 'छत्तीसगढ़ का छिपा खजाना'

छत्तीसगढ़ की प्राचीन संस्कृतियों से समृद्ध 'श्रेष्ठ भारत'

पर्यटन मंत्रालय की देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 11 June 2020 12:44:37 PM

webinar series of dekho apna desh. 'hidden treasures of chhattisgarh'

रायपुर। पर्यटन मंत्रालय की 'देखो अपना देश' वेबिनार श्रृंखला में दर्शकों को छत्तीसगढ़ के अज्ञात स्‍थानों की खोज कराने, अद्वितीय स्थलों, अनूठी संस्कृति, आदिवासी विरासत और त्योहारों के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ का छिपा खजाना’ प्रदर्शित किया गया। 'देखो अपना देश' वेबिनार श्रृंखला 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम में भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है। देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के 30वें सत्र का संचालन पर्यटन मंत्रालय में अतिरिक्त महानिदेशक रूपिंदर बरार ने किया। छत्तीसगढ़ सरकार में पर्यटन और संस्कृति सचिव पी अंबलगन ने अपनी परिचयात्मक टिप्पणियों के साथ सत्र के लिए पृष्ठभूमि निर्धारित की और आइसक्यूब्स हॉलीडेज के संस्‍थापक जसप्रीत सिंह भाटिया, अज्ञात बस्‍तर के संस्‍थापक जीतसिंह आर्य और लेखक तथा ब्‍लॉगर थोमेन जोस ने सत्र प्रस्तुत किया। तीन प्रस्तुतकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ के अज्ञात स्थलों और वहां की अनोखी संस्‍कृति और विरासत पर प्रकाश डाला।
जसप्रीत भाटिया ने राज्‍य के कुछ प्रमुख तथ्यों और इसकी अपार पर्यटन क्षमता पर प्रकाश डालते हुए सत्र की भावना स्‍थापित की। छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया था। आज यह भारत का 9वां सबसे बड़ा राज्य है। भारत का मध्य पूर्वी राज्य होने के नाते यह 7 राज्यों की सीमाओं से लगा है। इसकी 44 प्रतिशत भूमि वनों से ढकी हुई है एवं यहां 34 प्रतिशत आदिवासी आबादी है। तीन राष्ट्रीय उद्यानों 11 वन्यजीव अभयारण्यों 1 जैव क्षेत्र के साथ यह भारत के सबसे हरे भरे राज्यों में से एक है। छत्तीसगढ़ हवाई, रेल और सड़क नेटवर्क से देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है। देश के कुछ सबसे अच्छे झरने छत्तीसगढ़ में हैं-चित्रकोट, अमृतधारा, पवई, मचली इत्यादि। छत्तीसगढ़ को अपने यहां तीन शक्तिपीठों चंपारण्य, राजिम और शिवरी नारायण के होने का सौभाग्‍य प्राप्‍त है। गढ़ा रॉट आयरन, बेल मैटल और टेराकोटा छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हस्तशिल्प हैं।
जीतसिंह आर्य दर्शकों को बस्तर के वर्चुअल दौरे पर ले गए। बस्तर अनछुए स्थलों में से एक है, जो छत्तीसगढ़ के दक्षिण में है। बस्तर क्षेत्र में शानदार प्राकृतिक दृश्य, सड़कें और छिपे हुए झरने हैं। बस्तर क्षेत्र में 15 से अधिक झरने हैं। कोटमसर गुफाएं हैं जो मेघालय के बाद गुफाओं की सबसे बड़ी श्रृंखला है। छत्तीसगढ़ में बस्तर का दशहरा 75 दिनों तक मनाया जाने वाला दुनिया का सबसे लंबा त्यौहार है, जिसमें धंतेश्वरी देवी से संबंधित एक अलग कहानी है। यहां गोंड, मड़िया, मुरियाया कुछ ऐसी जनजातियां हैं, जो बस्तर को स्वदेशी जनजातियों की भूमि बनाती हैं। यहां के हस्तशिल्प का इतिहास हड़प्पा सभ्यता के समय का है। यहीं पर है इस्‍तेमाल की जाने वाली तकनीक खो चुकी मोम तकनीक। दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भगवान गणेश की प्रतिमा है, जो रेत के पत्थर से बनी है। बारह हजार वर्ष के इतिहास के साथ गुफा चित्र बस्तर क्षेत्र में हैं।
थोमेन जोस ने छत्तीसगढ़ में पर्यटकों की रुचि के कम ज्ञात स्थानों और अनुभवों को प्रस्तुत किया, इनमें कर्कभाट बड़े पत्‍थर वाला (मेगालिथिक) दफन स्थल है, जिसे आमतौर पर पर्यटक अनदेखा कर जाते हैं। क्षेत्र में किए गए अध्ययनों ने 3 प्रकार के मेनहिरों की पहचान की है-शंकुधारी, स्पष्ट रूपसे और मछली की पूंछ की तरह द्विभाजित। दिपाडीह-7वीं शताब्दी का मंदिर परिसर संभवतः छत्तीसगढ़ का सबसे अच्छा रखा गया पुरातात्विक रहस्य है। प्रवेश द्वार के बगल में पथ के किनारे उत्कीर्ण पत्थर के स्तंभ बनाए गए हैं, जिन पर पौराणिक जीवों को दर्शाया गया है। घोटुल-यह शिक्षा की एक प्राचीन जनजातीय प्रणाली है और साथ ही इसकी अपनी लाट पादरी व्‍यवस्‍था के साथ अपनी परिसर व्‍यवस्‍था है। सोनाबाई-छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध सजावट कार्यों को इसकी जड़ें मिलीं जब सोनाबाई ने अपने बेटे दरोगा राम को सुलाने के लिए उसके लिए छोटे खिलौने बनाए। आदिवासी खेल-मुर्गा लड़ाई।
अतिरिक्त महानिदेशक पर्यटन रुपिंदर बरार ने जानकारी दी कि पर्यटन मंत्रालय विभिन्न आतिथ्य और यात्रा व्यापार क्षेत्रों होटल, रेस्तरां, बी और बी, होमस्टे/ फार्मस्टे और पर्यटन सेवाप्रदाता के लिए परिचालन सिफारिशें जारी कर रहा है। ये पर्यटन क्षेत्र के लिए अनुशंसित सुरक्षा और स्वच्छता दिशा-निर्देश हैं, जिनका लॉकडाउन के बाद यात्रा करने वालों को पालन करना होगा। विवरण पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट Tourism.gov.in पर उपलब्ध है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन की एक पेशेवर टीम के साथ सीधे तकनीकी सहायता प्रदान करके देखो अपना देश वेबिनार के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वेबिनार के सत्र अब https://www.youtube.com/channel/UCbzIbBmMvtvH7d6Zo_ZEHDA पर और पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के सभी सोशल मीडिया हैंडलों पर उपलब्‍ध हैं। अगला वेबिनार 11 जून 2020 को 11 बजे से ‘हिमाचल-अराउंड द नैक्‍स्‍ट बैंड’ पर होगा। पंजीकरण के लिए https://bit.ly/HimachalDAD पर क्लिक करें।

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