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Thursday 9 July 2020 02:07:42 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए जम्मू-कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के करीब कठिन इलाकों के संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और पुलों की कनेक्टिविटी में एक नई क्रांति के रूपमें छह प्रमुख पुल राष्ट्र को समर्पित किए। सामरिक महत्व के इन पुलों को सीमा सड़क संगठन ने रिकॉर्ड समय में पूरा किया है। रक्षामंत्री ने इसके लिए बीआरओ को बधाई दी और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने एक आदर्श वाक्य कहा कि सड़कें और पुल किसी भी राष्ट्र की जीवन रेखा हैं और सुदूरवर्ती क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में विकास गतिविधियों को प्राथमिकता देने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नियमित रूपसे इन परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करते आ रहे हैं और इनके समय पर निष्पादन के लिए पर्याप्त धन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। रक्षामंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब कोरोना महामारी में दुनिया दूरी बनाए रखने पर जोर दे रही है, एक-दूसरे से अलग हो रही है, उनके लिए इन पुलों का उद्घाटन करना एक सुखद अनुभव है जो लोगों को एक-दूसरे से जोड़ता है। रक्षामंत्री ने पुलों के कौशलपूर्ण निर्माण के लिए सीमा सड़क संगठन को बधाई दी और कहा कि देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बीआरओ की प्रतिबद्धता से सड़कों और पुलों के निर्माण से सरकार की योजनाओं को दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें और पुल न केवल सामरिक ताकत हैं, बल्कि दूरदराज के क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, सशस्त्रबलों की रणनीतिक आवश्यकता हो या स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापार से संबंधित विकास के कार्य ये सब केवल कनेक्टिविटी से ही संभव हैं।
जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे यकीन है कि आधुनिक सड़कों और पुलों के निर्माण से यहां और ज्यादा समृद्धि आएगी। रक्षामंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सीमाओं पर बुनियादी ढांचे को और ज्यादा समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की जम्मू-कश्मीर के विकास में गहरी रुचि है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और सशस्त्र बलों के लोगों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कई अन्य विकास कार्य भी हैं, जिनकी घोषणा नियत समय में की जाएगी और लगभग 1,000 किलोमीटर लंबी सड़कें वर्तमान में जम्मू क्षेत्र में निर्माणाधीन हैं। रक्षामंत्री ने स्वीकार किया कि पिछले दो वर्ष में नवीनतम तकनीकों और अत्याधुनिक उपकरणों के उपयोग से बीआरओ ने 2,200 किलोमीटर से अधिक की कटाई की है, जिससे लगभग 4,200 किलोमीटर की सड़कों के सरफेसिंग और लगभग 5,800 मीटर के स्थाई पुलों का निर्माण किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रणनीतिक सड़कों के निर्माण के लिए बीआरओ को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, सरकार संसाधनों की कमी नहीं होने देगी और बीआरओ के इंजीनियरों और कर्मियों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा।
घाटी के कठुआ जिले में तरनाह नाले पर दो पुल और अखनूर/ जम्मू जिले में अखनूर-पल्लनवाला रोड पर चार पुल 30 से 300 मीटर तक फैले हैं, जो 43 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए हैं। बीआरओ के प्रोजेक्ट संपर्क से निर्मित ये पुल इस रणनीतिक रूपसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में सशस्त्र बलों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा और सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। यह स्पष्ट है कि पिछले कुछ वर्ष में बीआरओ ने वित्तीय वर्ष 2018-19 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2019-20 में लगभग 30 प्रतिशत अधिक कार्यों का निष्पादन किया है। यह सरकार से पर्याप्त बजटीय समर्थन के कारण और बीआरओ के संरचनात्मक सुधारों के प्रभाव और समर्पित प्रयासों के कारण हुआ है। वित्तीय वर्ष 2006-2016 में 3,300 करोड़ रुपये से 4,600 करोड़ रुपये तक के बीआरओ के वार्षिक बजट में वित्तीय वर्ष 2019-2020 में 8,050 करोड़ रुपये की पर्याप्त वृद्धि देखी गई है।
जम्मू-कश्मीर सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार के फोकस के साथ वित्तीय वर्ष 2020-2021 का बजट 11,800 करोड़ रुपये होने की संभावना है। यह बजट परियोजनाओं को बढ़ावा देगा और उत्तरी सीमाओं के साथ रणनीतिक सड़कों, पुलों और सुरंगों के निर्माण में तेजी लाएगा। इस अवसर पर बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने राष्ट्र निर्माण में बीआरओ के योगदान को रेखांकित किया और रक्षामंत्री को उनके निरंतर मार्गदर्शन व समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरावने, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, सेना के वरिष्ठ अधिकारी और नागरिक प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह और संसद सदस्य जम्मू जुगल किशोर शर्मा भी वीडियो लिंक के माध्यम से जुड़े।