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Saturday 12 September 2020 06:09:38 PM
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से मध्य प्रदेश में गृह प्रवेश कार्यक्रम में 1 लाख 75 हजार परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत निर्मित पक्के घर सौंपे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज जिन 1.75 लाख परिवारों को नए मकान मिले हैं, उनका अपने घर का सपना साकार हुआ है और अपने बच्चों के भविष्य को लेकर आत्मविश्वास पैदा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये परिवार भी अब उन दो करोड़ 25 लाख परिवारों में सम्मिलित हो गए हैं जिन्हें बीते 6 वर्ष में सरकार ने उनको अपने घर दिए हैं और ये परिवार अब किराए के मकान, झुग्गी या कच्चे घरों में नहीं, बल्कि अपने पक्के घरों में रहेंगे। प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और कहा कि अगर कोरोना महामारी के हालात न होते तो उनके इस आनंद उत्सव को साझा करने के लिए वह स्वयं उनके बीच होते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह न सिर्फ 1.75 लाख गरीब परिवारों के लिए यादगार क्षण है, बल्कि यह देश के प्रत्येक बेघर परिवार को अपना पक्का घर उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ देश के बेघर परिवारों की उम्मीदों को बल मिलता है, बल्कि यह भी सिद्ध होता है कि अगर सही ढंग से लागू किया जाए तो कैसे सरकारी योजनाएं लक्षित लाभार्थियों तक पहुंच सकती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की चुनौती के बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत देशभर में 18 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, जिनमें से 1.75 लाख घरों को आज मध्य प्रदेश में लाभार्थियों को सौंपा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत बनाए जा रहे घरों के निर्माण में तकरीबन 125 दिन का समय लगता है, लेकिन कोरोना काल में यह रिकॉर्ड 45 से 60 दिन की अवधि में तैयार हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हो पाया, क्योंकि विभिन्न शहरों से प्रवासी मजदूरों का उनके अपने गांव में आना हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चुनौती को अवसर में बदलने का यह एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों ने अपने गांव में वापस आकर न केवल अपने परिवारों का पूरा ख्याल रखा, बल्कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान का पूरा लाभ उठाते हुए अपने गरीब भाइयों के लिए घर बनाने का काम भी किया। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश समेत देश के अनेक राज्यों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अभियान के अंतर्गत 23 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं के पूर्ण होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक गांव में गरीबों के लिए घरों का निर्माण हो रहा है, प्रत्येक घरों को स्वच्छ जल आपूर्ति की योजनाओं पर काम चल रहा है, आंगनवाड़ी और पंचायतों के लिए भवनों का निर्माण हो रहा है, साथ गौशाला, तालाब और कुएं आदि का निर्माण भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके दो लाभ हैं पहला लाखों की संख्या में शहरों से अपने गांव वापस आए प्रवासी मजदूरों को काम मिल रहा है और दूसरा ईट, सीमेंट और रेत इत्यादि निर्माण सामग्रियों का व्यापार तेजी से चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संकट की घड़ी में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार अभियान एक ऐसी योजना के रूपमें उभरा है, जिसने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को घर देने के लिए दशकों में देश में कई योजनाएं लाई गईं, लेकिन करोड़ों गरीब परिवारों को सम्मानजनक जीवन देने का लक्ष्य कभी हासिल नहीं किया जा सका, ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि सरकारों का हस्तक्षेप अत्यधिक होता था, पारदर्शिता की कमी थी और वास्तविक लाभार्थियों से परामर्श की कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता की कमी के चलते इससे पहले की योजनाओं में निर्मित घरों की गुणवत्ता बेहद खराब रही है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 में पुरानी योजना का विश्लेषण किया गया और पुराने अनुभव के आधार पर नई रणनीति के साथ नई प्रधानमंत्री आवास योजना का आरंभ किया गया। उन्होंने कहा कि लाभार्थी के चयन से लेकर उसे घर देने तक की पूरी प्रक्रिया अब पारदर्शी है। उन्होंने कहा कि इससे पहले गरीबों को सरकार के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब सरकार गरीब तक स्वयं पहुंचती है। उन्होंने कहा कि चयन से लेकर निर्माण तक बेहद वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीके अपनाए जाते हैं, यही नहीं घरों के निर्माण के लिए स्थानीय तौर पर उपलब्ध सामग्री को प्राथमिकता दी जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि घरों की डिजाइन स्थानीय जरूरतों और प्रचलित शैली को ध्यान में रखते हुए निर्मित की जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि घरों के निर्माण के प्रत्येक चरण पर पूरी निगरानी रखी जाती है, निर्माण के लिए आने वाली लागत जैसे-जैसे निर्माण कार्य बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे सरकार जारी करती जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब परिवारों को न केवल घर मिल रहे हैं, बल्कि उन्हें घरों के साथ शौचालय, उज्जवला गैस कनेक्शन, सौभाग्य योजना-बिजली कनेक्शन, एलईडी बल्ब और पानी के कनेक्शन भी दिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वच्छ भारत अभियान से ग्रामीण बहनों के जीवन में गुणवत्तापूर्ण और महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की 27 कल्याणकारी योजनाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित होने वाले घरों को या तो महिलाओं के नाम पर पंजीकृत किया जाता है या गृहस्वामी के साथ-साथ महिलाओं का नाम भी संयुक्त रूप से सम्मिलित किया जाता है। उन्होंने कहा कि घरों के निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर ग्रामीण महिलाओं को काम के अवसर मिले हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 50 हज़ार राज मिस्त्री प्रशिक्षित किए गए हैं, जिसमें 9000 महिला राजमिस्त्री हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गरीब परिवारों की आय बढ़ती है तो उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है, इससे भारत के आत्मनिर्भर बनने की महत्वाकांक्षा को भी बल मिलता है। उन्होंने कहा कि इसी आत्मविश्वास को मजबूत करने के लिए 2014 से प्रत्येक गांव में आधुनिक बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले की प्राचीर से किए गए अपने वादे को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि लगभग 6000 गांव में अगले 1000 दिन में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1250 से अधिक ग्राम पंचायतें 19000 ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन और 15000 वाईफाई हॉटस्पॉट से जुड़ चुकी हैं, जब गांवों में बेहतर और तेज़ इंटरनेट आएगा तो ग्रामीण बच्चों को शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे और युवाओं को बेहतर व्यापारिक अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की हर एक सेवा ऑनलाइन है, ऐसे में इन सेवाओं का लाभ भी जल्द मिलेगा, भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी और ग्रामीणों को छोटे से छोटे काम के लिए भी शहरों की तरफ नहीं जाना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों और गरीबों को सशक्त बनाने के लिए यह अभियान अब और तेजी से आगे बढ़ेगा।