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Saturday 17 October 2020 03:06:21 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक, लोक शिकायत मंत्रालय में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि पूर्वोत्तर के उपेक्षित वर्गों के लिए विशेष रूपसे 30 प्रतिशत आवंटन का निर्णय लिया गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के चकमा और हजोंग नागरिकता अधिकार समिति के चकमा प्रतिनिधिमंडल से वार्तालाप करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर परिषद की मौजूदा योजनाओं के तहत नई परियोजनाओं के लिए पूर्वोत्तर परिषद के आवंटन का 30 प्रतिशत समाज के वंचित क्षेत्रों एवं उपेक्षित वर्गों के विकास और पूर्वोत्तर के उभरते हुए क्षेत्रों के विकास को समर्पित किया जाएगा।
पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे पूर्वोत्तर में समाज के उपेक्षित वर्गों के विकास में सहायता मिलेगी और अंतर-क्षेत्र और अंतर-जनजाति, सामुदायिक असमानता को कम किया जा सकेगा, जिससे भविष्य में चकमास सहित उपेक्षित वर्गों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इस योजना से पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विविधता का संरक्षण होगा और ऐसी लिपियों, भाषाओं के विकास में मदद मिलेगी, जो धीरे-धीरे विलुप्त हो रही हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्वोत्तर राज्यों को विकसित करने और देश के अधिक विकसित राज्यों के समकक्ष लाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र में रहने वाली विभिन्न जनजातियों और समुदायों के समान विकास को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर परिषद से 30 प्रतिशत आवंटन के बारे में हाल के निर्णय से वंचित क्षेत्रों और उपेक्षित वर्गों पर ध्यान केंद्रित करने से समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा सकेगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कोविड महामारी के दौरान भी अपनी विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य जारी रखने के लिए पूर्वोत्तर परिषद की सराहना की। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) और पूर्वोत्तर परिषद द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र को दी गई कोविड संबंधित सहायता का भी उल्लेख किया। डॉ जितेंद्र सिंह ने उत्तम चकमा के नेतृत्व में पूर्वोत्तर के चकमा प्रतिनिधिमंडल से एक ज्ञापन भी प्राप्त किया।