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Tuesday 10 November 2020 11:20:27 AM
ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में कोविड-19 लॉकडाउन के बाद पहली बार स्कूल जाते समय हजारों स्कूली बच्चे तिरंगे वाले खादी के फेस मास्क पहनेंगे। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने स्कूली बच्चों के लिए 60,000 उच्च गुणवत्ता वाले खादी कॉटन फेस मास्क की आपूर्ति की है, क्योंकि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने 16 नवंबर से स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। यह खरीद आदेश बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह पहली बार है जब पूर्वोत्तर भारत के एक राज्य सरकार ने इतनी बड़ी मात्रा में अपने छात्रों के लिए खादी फेस मास्क की खरीद की है। खरीद आदेश तीन नवंबर को जारी किया गया था और केवीआईसी ने केवल 6 दिन में ही सरकार को तत्काल आवश्यक मास्क की आपूर्ति की है। मास्क का समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए केवीआईसी ने विमान से खेप भेजी है।
केवीआईसी ने मास्क में उपयुक्त जगह पर अपने लोगो के साथ अरुणाचल प्रदेश सरकार को डबल लेयर्ड, तिरंगा वाला कॉटन का फेस मास्क मुहैया कराया है। तिरंगे में बनाए गए फेस मॉस्क का उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रवाद की भावना को भी जगाना है। केवीआईसी ने इन मास्क के निर्माण के लिए विशेष रूपसे डबल ट्विस्टेड खादी कपड़े का उपयोग किया है, क्योंकि यह अंदर में 70 प्रतिशत नमी बनाए रखने में मदद करता है, साथ ही इसमें हवा भी आसानी से जा सकती है, इसलिए ये मास्क त्वचा के अनुकूल और लंबी अवधि के उपयोग के लिए उपयुक्त हैं। खादी कॉटन फेस मास्क धोने योग्य फिर से उपयोग और बायोडिग्रेडेबल हैं। ग़ौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने 16 नवंबर 2020 से कक्षा 10वीं और 12वीं के स्कूल खोलने का फैसला किया है।
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश सरकार को फेस मास्क की आपूर्ति के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि यह उन छात्रों के लिए था जो 16 नवंबर से कक्षा में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि केवीआईसी के लिए यह सम्मान देने वाला आदेश है और इस तरह के बड़े आदेश से खादी कारीगरों को अतिरिक्त नौकरी मिली है। केवीआईसी ने इस साल अप्रैल में लॉन्च के बाद से 6 महीने में 23 लाख फेस मास्क बेचे हैं। फेस मास्क के आरामदायक और उच्च गुणवत्ता के कारण केवीआईसी को इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी से 12.30 लाख फेस मास्क सहित कई थोक ऑर्डर मिले हैं। राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, कई राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों और सार्वजनिक उपक्रमों के अलावा आम जनता ने भी बार-बार यहां आर्डर दिए हैं।