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Saturday 2 January 2021 01:57:31 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से देश के छह राज्यों में वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती (जीएचटीसी) इंडिया योजना के अंतर्गत लाइट हाउस परियोजनाओं की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इन घरों को तकनीकी भाषा में लाइट हाउस प्रोजेक्ट कहा जाता है, लेकिन ये 6 परियोजनाएं वास्तव में लाइट हाउस की तरह हैं, जो देश में आवास निर्माण के क्षेत्र को एक नई दिशा दिखा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल से भारत में निर्माण प्रौद्योगिकी के एक नए युग का सूत्रपात हो गया है। उन्होंने अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलरेटर्स इंडिया के विजेताओं की घोषणा की और प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी मिशन के कार्यांवयन में उत्कृष्टता के लिए वार्षिक पुरस्कार दिए। प्रधानमंत्री ने भारतीय आवास के लिए नवीन, सस्ती, विधिमान्य, अनुसंधान नवाचार प्रौद्योगिकी नाम से नवीन निर्माण प्रौद्योगिकियों पर एक प्रमाणीकरण पाठ्यक्रम भी जारी किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाइट हाउस परियोजनाओं को अपनी सरकार के नए आवासीय दृष्टिकोण का एक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि एक समय में आवास योजनाएं केंद्र सरकार की प्राथमिकता नहीं हुआ करती थीं, गृह निर्माण की बारीकियां और गुणवत्ता भी नहीं थीं, जबकि आज देश में निर्माण परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए एक अलग मार्ग और बेहतर तकनीक को अपनाते हुए अलग दृष्टिकोण अपनाया गया है। उन्होंने सरकारी मंत्रालयों के लिए बड़े और निष्क्रिय ढांचे की नहीं, बल्कि स्टार्टअप की तरह फिट होने वाले ढांचे के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने दुनियाभर से 50 से अधिक उन्नतिशील निर्माण कंपनियों की सक्रिय भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया के अगले चरण में विभिन्न स्थानों पर लाइट हाउस परियोजनाओं का कार्य शुरु हो गया है, ये लाइट हाउस प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक और नवीन प्रक्रियाओं से बने होंगे, निर्माण के समय को कम करेंगे एवं गरीबों के लिए अधिक लचीले, किफायती तथा आरामदायक घर बनेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि लाइट हाउसों में निर्माण प्रौद्योगिकी में नवाचार हैं, उदाहरण के लिए इंदौर में परियोजना में ईंट और मोर्टार दीवारें नहीं होंगी, इसके बजाय वे पूर्वनिर्मित सैंडविच पैनल प्रणाली का उपयोग करेंगे, राजकोट में लाइट हाउसों को फ्रेंच तकनीक का उपयोग करके बनाया जाएगा और सुरंग का उपयोग करके एक पत्थर की ठोस निर्माण तकनीक होगी, ये घर आपदाओं को झेलने में अधिक समर्थ होंगे, चेन्नई में यूएस और फिनलैंड की प्रौद्योगिकियां प्रीकास्ट कंक्रीट प्रणाली का उपयोग करेंगी, जिससे घर का निर्माण तेजी से और सस्ता होगा। उन्होंने कहा कि जर्मनी की 3डी निर्माण प्रणाली का उपयोग करके रांची में मकान बनाए जाएंगे, प्रत्येक कमरे को अलग से बनाया जाएगा और फिर पूरी संरचना को उसी तरह से जोड़ा जाएगा जैसेकि लेगो ब्लॉक के खिलौनों को जोड़ा जाता है, इसी प्रकार अगरतला में स्टील के फ्रेमों के साथ न्यूजीलैंड की तकनीक का उपयोग करते हुए मकान बनाए जा रहे हैं, जो भूकंप के बड़े जोखिम को झेल सकते हैं, कनाडा की प्रौद्योगिकी का लखनऊ में उपयोग किया जा रहा है, जिसमें प्लास्टर और पेंट की आवश्यकता नहीं होगी और तेजी से मकान बनाने के लिए पहले से तैयार की पूरी दीवारों का उपयोग किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रत्येक स्थान पर 12 महीने में हजारों घर बनाए जाएंगे, जो इंक्यूबेशन केंद्रों के रूपमें कार्य करेंगे, इसके माध्यम से हमारे योजनाकार, वास्तुकार, इंजीनियर और छात्र नई तकनीक के साथ अध्ययन और प्रयोग कर सकेंगे। उन्होंने घोषणा की कि निर्माण क्षेत्र में लोगों के लिए नई तकनीक से संबंधित कौशल उन्नयन के लिए एक सर्टिफिकेट कोर्स शुरु किया जाएगा, ताकि उनको घर के निर्माण में दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक और सामग्री मिल सके। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि देश के भीतर आधुनिक आवास प्रौद्योगिकी से संबंधित अनुसंधान और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए आशा-इंडिया कार्यक्रम चलाया जा रहा है, इसके माध्यम से 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक भारत में ही विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत पांच सर्वश्रेष्ठ तकनीकों का भी चयन किया गया है, शहर में रहने वाले ग़रीब या मध्यम वर्ग के लोगों का सबसे बड़ा सपना उनका अपना घर होना है, लेकिन वर्षों से लोग अपना घर होने को लेकर विश्वास खो रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वास अर्जित करने के बावजूद भी उच्च कीमतों के कारण मांग कम हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रेरा जैसे उपायों ने घर के मालिकों का विश्वास वापस ला दिया है और विश्वास दिलाया है कि उनकी गाढ़ी कमाई के साथ कोई धोखा नहीं होगा, जबकि लोगों ने आवास का भरोसा खो दिया था, बैंक की उच्च ब्याज दर और ऋण प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों ने भी घर का मालिक बनने की दिलचस्पी कम कर दी है। उन्होंने इसमें आम आदमी का विश्वास बहाल करने के लिए इन 6 वर्ष में किए गए प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया कि उसके पास भी अपना घर हो सकता है, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में बहुत कम समय में लाखों घर बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण में घर-मालिकों की स्थानीय आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के अनुसार नवाचार और कार्यांवयन दोनों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, यह एक पूर्ण पैकेज है, क्योंकि प्रत्येक इकाई बिजली, पानी और गैस कनेक्शन से सुसज्जित है। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के लिए जियो-टैगिंग और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण जैसी प्रौद्योगिकियों के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें होम लोन के ब्याज पर छूट मिल रही है, अधूरी आवास परियोजनाओं के लिए सृजित 25 हजार करोड़ रुपये के विशेष फंड से मध्यम वर्ग को भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रेरा के तहत 60 हजार परियोजनाएं पंजीकृत हैं और हजारों शिकायतों का निवारण कानून के तहत किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक घर की चाबी प्राप्त करना न केवल एक आवास इकाई का कब्जा लेना है, बल्कि यह गरिमा, आत्मविश्वास, सुरक्षित भविष्य, नई पहचान और विस्तार की संभावनाओं के द्वार खोलता है। उन्होंने कहा कि सभी के लिए आवास के लिए किए जा रहे चौतरफा कार्य करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी यानी अफोर्डेबल रेंटिंग हाउसिंग कॉम्प्लेक्स स्कीमों के दौरान शुरु की गई नई योजना का भी उल्लेख किया, जिसमें सरकार एक राज्य से दूसरे राज्य में काम करने के लिए आने वाले श्रमिकों को उचित किराए के साथ आवास प्रदान करने के लिए उद्योग और अन्य निवेशकों के साथ काम कर रही है, उनके आवास की स्थिति अक्सर गंदी और गरिमारहित होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हमारे कामकाजी मित्र सम्मान के साथ रहें, उन्हें उनके कार्यस्थल के आसपास के क्षेत्र में उचित किराए पर आवास प्रदान किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने रियल एस्टेट क्षेत्र की मदद के लिए हाल ही में किए गए उपायों को भी याद किया, सस्ते मकानों पर कर में 8 से 1 प्रतिशत की कटौती, जीएसटी में 12 से 5 प्रतिशत की कटौती जैसे उपाय सस्ते ऋण के लिए इस क्षेत्र को बुनियादी ढांचे के रूपमें मान्यता देने से निर्माण की अनुमति से हमारी रैंकिंग 185 से 27 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2000 से अधिक शहरों में निर्माण प्रक्रिया की अनुमति ऑनलाइन ली गई है। प्रधानमंत्री ने बताया कि ग्रामीण भारत में 2 करोड़ से अधिक आवास इकाइयों का निर्माण किया गया है, इस वर्ष ग्रामीण आवास की गति में तेजी लाने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम में वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, झारखंड, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।