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Thursday 4 March 2021 05:34:33 PM
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग में असम, केरल, पुद्दुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की विधानसभाओं के आम चुनाव में तैनाती के क्रम में पर्यवेक्षकों के लिए विवरण बैठक हुई। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा 26 फरवरी 2021 को हुई थी। लगभग 120 से अधिक दूरस्थ स्थानों से 1650 पर्यवेक्षकों ने भौतिक व वर्चुअल रूपमें विवरण बैठक में भाग लिया। आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों को तैनात किए जानेवाले सामान्य पर्यवेक्षकों, पुलिस पर्यवेक्षकों और व्यय पर्यवेक्षकों में शामिल किया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बैठक में कहा कि पर्यवेक्षक, भारतीय लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण पथप्रदर्शकों में से एक हैं। सुनील अरोड़ा ने कहा कि वे अपने कार्यकाल के दौरान 14 राज्यों की विधानसभाओं और 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़े रहे हैं, जिनमें पर्यवेक्षकों ने चुनाव-संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कोविड की व्यापक चिंताओं के बावजूद बिहार के सीईओ और डीईओ के अनुकरणीय कार्य को रेखांकित करते हुए सुनील अरोड़ा ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव शाब्दिक अर्थ में भारतीय चुनाव के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गया है, यहांतक कि बिहार में पिछले विधानसभा और संसदीय चुनावों की तुलना में मतदाताओं की भागीदारी भी अधिक रही। सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनावों का सफल आयोजन हमेशा से क्षेत्र में तैनात अधिकारियों और चुनाव आयोग का संयुक्त प्रयास होता है, जिसमें पर्यवेक्षक और विशेष पर्यवेक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान पुलिस बलों के यादृच्छिककरण और तैनाती में पर्यवेक्षकों की अतिरिक्त भूमिका होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की सहनशीलता इस तथ्य में निहित है कि ‘आम आदमी’ सरकार के गठन में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
सीईसी सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग का उद्देश्य सशक्त, सतर्क, अच्छी तरह से सूचना प्राप्त और सुरक्षित मतदाता सुनिश्चित करना है। उन्होंने पर्यवेक्षकों को याद दिलाया कि उन्हें नागरिकों की पहुंच में और सुलभ होना चाहिए एवं उन्हें नागरिकों को निडर होकर मतदान करने के लिए सक्षम बनाना चाहिए। सुनील अरोड़ा ने पर्यवेक्षकों को चेतावनी दी कि यदि किसी पर्यवेक्षक को अपने कर्तव्यों के पालन में ढिलाई बरतने का दोषी पाया जाता है तो चुनाव आयोग तेजी व सख्ती से कार्रवाई करेगा, चुनाव आयोग जानबूझ कर किए गए किसी भी चूक को बर्दाश्त नहीं करेगा। सुनील अरोड़ा ने पर्यवेक्षकों से कहा कि वे वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और महिला मतदाताओं के लिए नियत सुविधा की जांच करने हेतु मतदान केंद्रों का दौरा करें, ताकि समावेशी चुनावों के सिद्धांत के प्रति आयोग की प्रतिबद्धता सुनिश्चित की जा सके।
चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि इन चुनावों में 18 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि एक-दूसरे से आवश्यक दूरी बनाए रखने से सम्बंधित मानदंडों को ध्यान में रखते हुए 80,000 से अधिक अतिरिक्त मतदान केंद्रों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक चुनाव आयोग के संवैधानिक आदेशों को निष्ठापूर्वक लागू कराएं, जिसमें विशेष रूपसे संवेदनशील क्षेत्रों में मतदाताओं के बीच विश्वास कायम किया जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों को इन चुनावों को पूरी तरह से प्रलोभन मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पर्यवेक्षकों को याद दिलाया कि उनके स्वयं के आचरण पर लोगों, मीडिया और राजनीतिक संस्थाओं का ध्यान होगा। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों को असाधारण आचरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी कीमत पर चुनाव की वैधता और पवित्रता कायम रखी जा सके। राजीव कुमार ने कहा कि विश्वसनीयता को स्थापित करने के लिए पर्यवेक्षकों तक आसान पहुंच, उनकी उपलब्धता तथा किसी मामले पर प्रतिक्रिया की समयबद्धता व गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाए।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि पर्यवेक्षकों के साक्ष्य आधारित रिपोर्ट कई बार चुनाव आयोग के फैसले का आधार बन जाती हैं। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों को जमीनी स्तर पर प्रभावी कार्यांवयन के लिए सभी कानूनी प्रावधानों, निर्देशों और चुनाव आयोग के नवीनतम परिपत्रों की जानकारी रखनी चाहिए। विवरण सत्र में चुनाव योजना, सुरक्षा प्रबंधन और एसवीईईपी पहलुओं पर चुनाव आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने विस्तार से जानकारी दी। वे चुनाव आयोग में तमिलनाडु राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, पुद्दुचेरी के चुनाव प्रभारी भी हैं। उन्होंने अधिकारियों को तमिलनाडु और पुद्दुचेरी के विशेष मुद्दों के बारे में जानकारी दी। वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग में असम के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र शर्मा ने असम में कार्मिक प्रशिक्षण और इनपुट पर संक्षिप्त जानकारी दी। उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने मतदाता सूची के मुद्दों और आईटी अनुप्रयोगों तथा ईवीएम वीवीपीएटी प्रबंधन प्रणाली पर विवरण प्रस्तुत किया। सुदीप जैन ने केरल और पश्चिम बंगाल चुनाव के विशेष मुद्दों के बारे में भी जानकारी दी। कानूनी मुद्दों, एमसीसी और व्यय की निगरानी के बारे में उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार और व्यय निदेशक पंकज श्रीवास्तव ने संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत की।
चुनाव आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने अधिकारियों को मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों, पेड न्यूज़ तथा सोशल मीडिया के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। चुनाव आयोग ने उन मतदाताओं को डाक से मतदान करने की सुविधा का विकल्प दिया है, जो दिव्यांगजन हैं, 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता हैं, अधिसूचित आवश्यक सेवाओं में कार्यरत हैं या सक्षम प्राधिकारी द्वारा कोविड पॉजिटिव या संदिग्ध प्रमाणित हैं तथा क्वारंटाइन हैं। कोविड-19 सुरक्षित चुनाव के लिए आयोग के व्यापक दिशानिर्देशों का पालन सभी व्यक्तियों द्वारा पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान किया जाना चाहिए। इन दिशानिर्देशों में शामिल हैं- सहायक मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि, सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग, मतगणना के दौरान उपयोग किये जाने वाले टेबुलों के लिए पर्याप्त जगह के साथ बड़े हॉल, मतदान कार्मिकों के आवागमन के लिए वाहनों की पर्याप्त संख्या, सुरक्षाकर्मियों द्वाराकोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाना तथा निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल सभी कर्मियों के लिए टीकाकरण आदि।