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Monday 8 March 2021 05:06:44 PM
नई दिल्ली/ बरेली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बरेली हवाई अड्डे के हाल ही में अपग्रेड किए गए त्रिशूल सैन्य एयरबेस के लिए नई दिल्ली से पहली उड़ान सेवा को झंडी दिखाई। केंद्रीय श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और बरेली से सांसद संतोष गंगवार भी महिला क्रू संचालित दिल्ली-बरेली उड़ान को झंडी दिखाने के समारोह में शामिल हुए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खरोला तथा एयर इंडिया के सीएमडी राजीव बंसल वर्चुअल रूपसे कार्यक्रम में शामिल हुए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त सचिव उषा पाधी ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने भी वर्चुअल तरीके से कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
बरेली हवाई अड्डे को भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम- उड़े देश का आम नागरिक के तहत वाणिज्यिक उड़ान प्रचालनों के लिए अपग्रेड किया गया है। उड़ान स्कीम के तहत 56वें हवाई अड्डे की शुरुआत की गई है तथा लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, हिंडन, आगरा तथा प्रयागराज के बाद उत्तर प्रदेश के आठवें हवाई अड्डे के सफल प्रचालन का प्रतीक है। लोग अब दिल्ली से 60 मिनट की उड़ान के विकल्प के जरिए सुगमता से बरेली पहुंच सकते हैं, जबकि पहले उन्हें चार घंटे से अधिक की रेलगाड़ी की यात्रा या छह घंटे से अधिक की सड़क यात्रा करनी पड़ती थी। बरेली का त्रिशूल सैन्य एयरबेस भारतीय वायुसेना का है और अंतरिम नागरिक उड्डयन प्रचालनों के लिए भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंप दी गई थी।
भारत सरकार ने अंतरिम नागरिक उड्डयन प्रचालनों के लिए उड़ान स्कीम के तहत 88 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी, जिसमें 65 करोड़ रुपये की लागत से एएआई ने अपग्रेडेशन कार्य किया है। एलायंस एयर को पिछले वर्ष उड़ान-4 निविदा प्रक्रिया के तहत दिल्ली-बरेली रूट प्रदान किया गया था, यह एयरलाइन इस रूट पर 70 सीटों की बैठने की क्षमता वाली अपनी एटीआर-72 600 एयरक्राफ्ट तैनात करेगी। उडान स्कीम के तहत अभी तक 5 हेलीपॉर्ट तथा वाटर एयरोड्रॉम सहित 325 रूट तथा 56 हवाई अड्डे प्रचालित किए गए हैं। हवाई किरायों को आम आदमी के लिए सुविधाजनक बनाए रखने के लिए चुनी हुई एयरलाइनों को केंद्र, राज्य सरकारों तथा हवाई अड्डा ऑपरेटरों से उड़ान स्कीम के तहत वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के रूपमें वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे कि स्कीम के तहत वैसे हवाई अड्डों, जहां से बहुत कम उड़ानें भरी जाती हैं, से प्रचालनों को प्रोत्साहित किया जा सके।
दिल्ली-बरेली हवाई कनेक्टिविटी वैसे लाखों लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी, जो नाथनगरी (क्षेत्र के चार कोनों-धोपेश्वरनाथ, मदनीनाथ, अलखनाथ तथा त्रिवतीनाथ में स्थित चार शिव मंदिरों के लिए विख्यात), आला हजरत, शाह शराफत मियां और खानकहे नियाजिया, जरी नगरी और संजाश्या (जहां बुद्ध तुशिता से धरती पर उतरे थे) जैसे ऐतिहासिक रूपसे महत्वपूर्ण स्थलों के लिए बरेली की यात्रा करते हैं। यह नगर फर्नीचर निर्माण तथा कॉटन, मोटे अनाज तथा चीनी के व्यापार का केंद्र भी है। यह हवाई कनेक्टिविटी बरेली और पूरे उत्तर प्रदेश राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। क्षेत्र की हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के अतिरिक्त, उड़ान प्रचालन व्यापार, पर्यटन तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी अतिरिक्त लाभ उपलब्ध कराएगा।