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Tuesday 9 March 2021 02:58:08 PM
भुवनेश्वर। पानी की गुणवत्ता के बारे में जानना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसका सीधा संबंध हमारी सेहत और खुशहाली से है। भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत ओडिशा में अब महिलाओं को जल की शुद्धता और गुणवत्ता की जांच करने के लिए सशक्त किया जा रहा है, जहां वे खुद फील्ड टेस्ट किट्स की मदद से इस कार्य को बखूबी कर रही हैं। ओडिशा के ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग ने पानी की गुणवत्ता की जांच और निगरानी को सामुदायिक अधिकार के तौरपर पर सुनिश्चित किया है। इस नए दृष्टिकोण ने न सिर्फ जिम्मेदारियों में बदलाव लाया है, बल्कि समुदाय के साथ साझेदारी का विस्तार भी किया है, इसने इस मान्यता को तोड़ा है कि जल गुणवत्ता प्रबंधन सिर्फ इंजीनियरों का ही काम है और ये भरोसा बनाया है कि अगर सही तरीके से समुदाय को निर्देशित किया जाए तो यह काम लोग खुद भी कर सकते हैं।
ओडिशा के ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग ने 1 से 30 नवंबर 2020 तक चले एक माह लंबे कैंपेन के जरिए 4 लाख जल स्रोतों पर स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जल की गुणवत्ता का परीक्षण करके इनके कौशल को बढ़ाया। इन जल स्त्रोतों में हैंड-पंप, ट्यूब-वेल, कुंएं और जल वितरण केंद्र शामिल थे। इन स्वयं सहायता समूहों ने नमूने एकत्र किए और परीक्षण किया एवं पेयजल स्रोत में पाए गए प्रदूषण के बारे में उन्हें जागरुक किया। सभी नमूनों जो या तो किसी हानिकारक बैक्टीरिया से या किसी रसायन से प्रदूषित थे, उन्हें पुष्टि के लिए जिला और उपविभागीय स्तर की प्रयोगशालाओं में भेजा गया। अभियान के क्षमता-निर्माण ढांचे के आरेखीय रूपने यहां तककि सबसे कम साक्षर समुदायों जैसे मल्कानगिरी, नवरंगपुर, सुंदरगढ़ के लोगों को भी एफटीके का उपयोग कर जल स्रोतों के परीक्षण में मदद की।
कोविड-19 महामारी के दौरान जल स्रोतों का परीक्षण सुनिश्चित करना विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण था, किंतु 12 हजार स्वरोज़गार प्राप्त मैकेनिकों और महिला स्वयं सहायता समूहों के 11 हजार से अधिक सदस्यों को प्रशिक्षित करके और इन्हें 7000 से अधिक एफटीके मुहैया कराकर जल योद्धाओं के रूपमें कार्य के लिए तैयार किया गया। ओडिशा के ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग की प्रयोगशाला ने 105 लैब कर्मियों और ब्लॉक स्तरपर 314 जूनियर इंजीनियरों का एक समूह तैयार किया है। यह समूह सामुदायिक स्तर पर स्वयं सहायता समूहों और स्वरोज़गार प्राप्त मैकेनिकों को इस कैंपेन को चलाने में अपनी भूमिका अदा करने के लिए तैयार करेंगे। अब विभाग के पास 11 हजार कुशल महिलाओं का कैडर है, जो वर्ष में एकबार बैक्टीरियलोलॉजिकल परीक्षण और दो बार रासायनिक परीक्षण करते हैं। जल जीवन मिशन के तहत यह पहल अब और अधिक महिलाओं को पीने योग्य पानी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगी।