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भारत-अमेरिकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहल

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने पर जोर दिया

'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भविष्य में निभाएगी महत्वपूर्ण भूमिका'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 19 March 2021 12:36:56 PM

india-us artificial intelligence initiative launched

नई दिल्ली। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने भारतीय-अमेरिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम के अमेरिकी भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (यूएसआईएआई) पहल के लॉंच पर दोनों देशों की समस्याओं के समाधान और प्रगति में बाधाओं को दूर करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत-अमेरिका के संबंध काफी पुराने हैं, जिनके परिणामस्वरूप दोनों देशों को बहुत लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें इन संबंधों को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भविष्य में प्रमुख भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि हमने भारत में विकास की बाधाओं को पहचान लिया है, जो अमेरिका के लिए भी उपयोगी हो सकती है।
आईयूएसएसटीएफ एक द्विदेशीय संगठन है, जिसका वित्त पोषण भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और अमेरिकी राज्य विभाग करता है। प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अनुसंधान और तकनीक को बहुविषयक साइबर-फिज़िकल प्रणालियों के राष्ट्रीय मिशन के तहत स्थापित 25 तकनीकी हबों, जो ट्रिपल हेलिक्स के रूपमें काम कर रहे हैं के जरिए देश में प्रोत्साहित और लागू किया जा रहा है। उन्होंने भारत की भूस्थानिक नीतियों को उदार बनाने के लिए हाल की नीतियों पर भी बात की। गौरतलब है कि आईयूएसएसटीएफ की यूएसआईएआई पहल उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सहयोग पर केंद्रित है, जो दोनों देशों की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। यूएसआईएआई अवसरों, चुनौतियों और द्विपक्षीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुसंधान एंव विकास के लिए बाधा पर विचार-विमर्श करने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नवाचार को सक्षम करने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यबल विकसित करने के लिए विचारों को साझा करने में मदद करने और साझेदारी को बेहतर बनाने के लिए प्रक्रिया और प्रणाली की सिफारिश के लिए एक मंच के रूपमें काम करेगा।
महासागर एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण और वैज्ञानिक मामलों के अमेरिकी ब्यूरो, अमेरिकी राज्य विभाग के कार्यवाहक उपसहायक सचिव जोनाथन मार्गोलिस ने इस अवसर पर कहा कि भारत-अमेरिका के बीच सहयोग खुलेपन, पारदर्शिता और पारस्परिकता के साझा मूल्यों पर आधारित है और नवाचार को बढ़ावा देता है, इसस दोनों देशों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस करके मजबूत की जा सकती है, जो दोनों देशों की प्राथमिकता में शामिल हैं। राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (एनएसएफ) के निदेशक डॉ सेतुरमण पंच पंचनाथन ने कहा कि विश्व के दो बड़े लोकतंत्र आपसी तालमेल और सहयोग से कुछ अद्भुत कर सकते हैं और इस तरह की पहल को शुरु करने के लिए यह सही समय है। उन्होंने कहा कि हम दोनों अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने, रोज़गार पैदा करने और समृद्धि लाने के लिए उच्च प्रभाव वाले सहयोग और अनुसंधान की उम्मीद कर रहे हैं।
एग्जिलर वेंचर्स के चेयरमैन क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा कि दुनिया की 20 प्रतिशत आबादी, जोकि भारत में है, अगर अनुसंधान का हिस्सा नहीं है तो यह अनुसंधान अधूरा है। उन्होंने कहा कि भारत में विविधता है और अनुसंधान के लिए विविधता बहुत महत्वपूर्ण है, भारत दोनों देशों के आधार पर डेटा और बैंकिंग में मजबूत है, यह वैश्विक सहयोग दोनों की सहायता करता है। आईयूएसएसटीएफ की कार्यकारी निदेशक डॉ नंदिनी कनन ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहल भारत और अमेरिका के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने में आईयूएसएसटीएफ की महत्वपूर्ण भूमिका है। अमेरिकी-भारतीय पहल सभी महत्वपूर्ण हितधारक समूहों को अपने अनुभव साझा करने, पारस्परिक गतिविधियों से लाभ प्राप्त करने वाले नए अनुसंधान और विकास क्षेत्रों तथा अवसरों को पहचानने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उभरते परिदृश्य पर चर्चा करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यबल के विकास में चुनौतियों को संबोधित करने के अवसर प्रदान करेगी।
महत्वाकांक्षी फ्लैगशिप पहल यूएसआईएआई, भारत और अमेरिका के प्रमुख हितधारकों को साथ लाने के लिए आईयूएसएसटीएफ की अद्वितीय क्षमता का लाभ उठाता है, ताकि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज के इंटरफेस पर चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने वाला तालमेल बनाया जा सके। अगले साल आईयूएसएसटीएफ विभिन्न हितधारक समुदायों से इनपुट इकट्ठा करने के लिए गोलमेज बैठकों की एक श्रृंखला और वर्कशॉप का आयोजन करेगा और वाइट पेपर्स तैयार करेगा, जो तकनीक, अनुसंधान, बुनियादी ढांचे और कार्यबल अवसरों एवं चुनौतियों, स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए डोमेन-स्पेसेफिक अवसरों, स्मार्ट शहरों, मैटेरियल, कृषि, ऊर्जा और विनिर्माण की पहचान करेंगे।

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