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Friday 19 March 2021 12:55:01 PM
पोर्ट ब्लेयर। भारतीय नौसेना में लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी मार्क चतुर्थ श्रेणी के आठवें और अंतिम जहाज इंडियन नेवल लैंडिंग क्राफ्ट युटिलिटी (एलसीयू) एल-58 को अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह में समारोहपूर्वक भारतीय नौसेना में कमीशन प्रदान किया गया। समारोह में कमांडर-इन-चीफ अंडमान एंड निकोबार कमांड लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड के निदेशक सेवानिवृत नौसेना अधिकारी रीयर एडमिरल विपिन कुमार सक्सेना मुख्य अतिथि थे। कमांडर कृष्ण के यादव ने जहाज के पहले कमांडिंग ऑफिसर के रूपमें कमीशनिंग वारंट पढ़ा। इस जहाज में पांच अधिकारियों और 50 नाविकों की टीम तैनात है। जीआरएसई कोलकाता के स्वदेश में डिजाइन और निर्मित जहाज की कमीशनिंग ने युद्धपोत डिजाइन और निर्माण के क्षेत्र में देश के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की उपलब्धि में एक और अध्याय जोड़ दिया है।
एलसीयू 58 एक उभयचर जहाज है, जो अपने चालक दल के अलावा 160 सैनिकों को ले जा सकता है, 900 टन की भारवहन क्षमता के साथ यह जहाज विभिन्न प्रकार के लड़ाकू वाहनों जैसे-मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी), बीएमएसपी, बख्तरबंद वाहन और ट्रक आदि ले जाने में भी सक्षम है, इसकी लंबाई 63 मीटर है और इसमें दो एमटीए 4000 सीरीज इंजन लगे हैं, जो इसको 15 नॉट (28 किलोमीटर प्रति घंटे) तक की गति से पहुंचाने में सक्षम हैं। इसमें दुश्मन के रडार ट्रांसमिशन को भेदने में सक्षम आत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेज़र लगा है, साथ ही अत्याधुनिक एकीकृत ब्रिज प्रणाली और एक परिष्कृत एकीकृत प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम लगा है, जो क्रमशः जहाज के नौवहन व मशीनरी उपकरणों की एकल स्टेशन निगरानी की सुविधा प्रदान करता है। जहाज के मुख्य आयुध में दो स्वदेश निर्मित 30 मिमी सीआरएन 91 गन शामिल हैं, जो एक स्थिर ऑप्ट्रॉनिक पेडस्टल से नियंत्रित की जाती हैं।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की निर्मित यह एक इलेक्ट्रॉनिक डे-नाइट डायरेक्टर साइट है। इसके अतिरिक्त जहाज में हवा, सतह और उप-पारंपरिक खतरों को बेअसर करने के लिए छह मशीनगन पोस्ट भी लगे हैं। एलसीयू 58 की तैनाती पोर्ट ब्लेयर में होगी तथा इसे अंडमान और निकोबार समूह, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में समुद्र तट, खोज और बचाव, आपदा राहत, तटीय गश्ती और निगरानी अभियानों जैसी विभिन्न भूमिकाओं में सक्रिय किया जाएगा। यह अंडमान निकोबार कमान के आदर्श वाक्य 'विक्ट्री थ्रो जॉइंटनेस यानी संयुक्तता के माध्यम से जीत' को आगे बढ़ाते हुए भारतीय नौसेना की गतिशीलता, पहुंच और लचीलेपन को बढ़ाएगा।