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Saturday 20 March 2021 04:27:56 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन की भारत में पहली आधिकारिक यात्रा पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका के साथ रक्षा साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और मैं भारत-अमेरिका संबंधों को 21वीं सदी की निर्णायक साझेदारियों में से एक बनाने के लिए रक्षामंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं। राजनाथ सिंह ने रक्षामंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान एक वक्तव्य में ये बातें साझा कीं। राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने रक्षामंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन और उनके शिष्टमंडल के साथ व्यापक और उपयोगी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को साकार करने के लिए मिलकर काम करने के इच्छुक हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बातचीत में हमारे बहुआयामी रक्षा सहयोग और सेवाओं में सैन्य-से-सैन्य संबंधों के विस्तार, सूचना साझा करने, रक्षा के उभरते क्षेत्रों में सहयोग और पारस्परिक रसद सहायता पर ज़ोर दिया गया है। रक्षामंत्री ने इस अवसर पर बताया कि कार्यभार संभालने के तुरंत बाद उन्होंने रक्षामंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन से बात की थी और उन्हें जल्द से जल्द भारत आने का न्योता भी दिया था। राजनाथ सिंह ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बावजूद उनकी भारत यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के प्रति अमेरिका की स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय युद्धाभ्यासों की व्यापक समीक्षा की और अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान, मध्य कमान और अफ्रीकी कमान के साथ सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह स्वीकार करते हुए कि हमारे पास मूलभूत समझौते एलइएमओए, सीओएमएएसए और बीइसीए मौजूद हैं, हमने पारस्परिक लाभ के लिए उनकी पूरी क्षमता को साकार करने के लिए विश्वास व्यक्त किया।
राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया-2021 में अमेरिका के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी के लिए रक्षामंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन को आभार व्यक्त किया। रक्षामंत्री ने बताया कि उन्होंने अमेरिकी उद्योग जगत को रक्षा क्षेत्र में भारत की उदारीकृत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीतियों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और रक्षामंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन इस बात पर सहमत हुए कि रक्षा उद्योग में सहयोग के अवसर मौजूद हैं। बातचीत में क्वाड फ्रेमवर्क के तहत भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के हालिया शिखर सम्मेलन में एक स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने के हमारे संकल्प पर ज़ोर दिया गया। तेल रिसाव और पर्यावरण संबंधी आपदाओं, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध, असूचित, अनियमित मछली पकड़ने आदि जैसी कुछ गैर-पारंपरिक चुनौतियों से निपटने के लिए क्षमता निर्माण में वृद्धि की आवश्यकता का भी उल्लेख दिया।