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Tuesday 23 March 2021 12:43:00 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व जल दिवस पर वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से ‘जल शक्ति अभियान: वर्षा जल संचयन’ अभियान की शुरुआत की। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने केन बेतवा लिंक परियोजना को लागू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए। यह परियोजना नदियों को आपस में जोड़ने के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना की पहली परियोजना है। प्रधानमंत्री ने राजस्थान, उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात के सरपंचों और वार्ड पंचों से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस पर कैच द रेन अभियान की शुरुआत के साथ केन-बेतवा लिंक नहर के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है, यह समझौता नदियों को जोड़ने के लिए भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की परिकल्पना और स्वप्न को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह समझौता उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों के हित में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जल सुरक्षा और प्रभावी जल प्रबंधन के बिना तेजी से विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत के विकास और आत्मनिर्भरता की परिकल्पना हमारे जल स्रोतों और हमारी जल कनेक्टिविटी पर निर्भर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के विकास के साथ जल संकट की चुनौती समान रूपसे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान पीढ़ी की जिम्मेदारी आने वाली पीढ़ियों के लिए अपनी जिम्मेदारी को निभाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी नीतियों और फैसलों में जल प्रशासन को प्राथमिकता दी है, पिछले 6 वर्ष में इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, हर खेत को पानी अभियान, प्रति बूंद अधिक फसल अभियान और नमामि गंगे मिशन, जल जीवन मिशन या अटल भूजल योजना के बारे में बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वर्षा जल का प्रबंधन करता है, भूजल पर देश की निर्भरता कम होती है, इसलिए 'कैच द रेन' जैसे अभियानों की सफलता बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को जल शक्ति अभियान में शामिल किया गया है। उन्होंने मानसून तक जल संरक्षण के प्रयासों को तेजी से आगे बढ़ाने का आह्वान किया। सरपंचों और डीएम एवं डीसी के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल शपथ जो पूरे देश में आयोजित की जा रही है, हर किसी की प्रतिज्ञा और दूसरा स्वभाव बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब पानी को लेकर हमारा स्वभाव बदलेगा तो प्रकृति भी हमारा साथ देगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षा जल संचयन के अलावा हमारे देश में नदी जल के प्रबंधन पर भी दशकों चर्चा हुई है, देश को जल संकट से बचाने के लिए अब इस दिशा में तेजी से काम करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना भी इस दृष्टि का हिस्सा है, इसको वास्तविकता बनाने के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार दोनों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि जल जीवन मिशन के शुभारंभ के बाद इतने कम समय में लगभग 4 करोड़ नए परिवारों को पाइपलाइन के जरिए पेयजल कनेक्शन मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी और स्थानीय शासन मॉडल जल जीवन मिशन के मूल में है। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि आजादी के बाद पहलीबार कोई सरकार पानी की जांच को लेकर इतनी गंभीरता से काम कर रही है, पानी की जांच के इस अभियान में ग्रामीण बहन-बेटियों को हिस्सेदार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की अवधि के दौरान लगभग 4.5 लाख महिलाओं को पानी की जांच के लिए प्रशिक्षित किया गया, हर गांव में कम से कम 5 प्रशिक्षित महिलाएं पानी की जांचकर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जल प्रशासन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से बेहतर परिणाम मिलना निश्चित है। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है, जिसे भारत में जल प्रबंधन के इतिहास में सकारात्मक रूपसे दर्ज किया गया है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए सर्वसम्मति केंद्र सरकार के सकारात्मक हस्तक्षेप से प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि यह समझौता दूसरे राज्यों के लिए सहकारी संघवाद के सिद्धांतों का पालन करने और उन्हें बरकरार रखने के लिए सही मायने में अनुकरणीय है।
जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश में जल शक्ति अभियान का उद्देश्य सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ आम जनता में बारिश के पानी का दोहन करने की क्षमताएं बनाना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के ये उपाय देश में एकीकृत जल प्रबंधन के लिए गंभीरता को दर्शाते हैं। राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में केन-बेतवा नदी परियोजना को आपस में जोड़ने की प्रस्तावित परियोजना से अटल बिहारी वाजपेयी का सपना जल्द ही हकीकत में बदलेगा। उन्होंने राज्यों, एनडब्ल्यूडीए-राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण और जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों को इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने में उनकी ईमानदारी और समर्पण के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत चालू घरेलू नल का पानी उपलब्ध कराने का 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए अंडमान और निकोबार ने स्वयं को तीसरा राज्य एवं संघशासित प्रदेश घोषित किया है। कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्रालय में सचिव, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।