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भ्रष्टाचार पर रोक बहुत जरूरी-लोकपाल

'भ्रष्टाचार विरोधी रणनीति को गति प्रदान करना' पर वेबिनार

'भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए एजेंसियां व संगठन सहयोग करें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 24 March 2021 01:07:58 PM

lokpal's webinar on 'accelerating anti-corruption strategy'

नई दिल्ली। लोकपाल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष ने कहा है कि भ्रष्टाचार जहां कहीं भी हो, उसे शुरुआती चरण में ही कुचल देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने में सभी एजेंसियों और संगठनों को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें भ्रष्टाचार की रोकथाम के उपायों की सराहना करनी चाहिए और इन उपायों को 'इलाज से परहेज भला' जैसे नियम के रूपमें अपनाना चाहिए। लोकपाल अध्यक्ष ने 'भ्रष्टाचार विरोधी रणनीति को गति प्रदान करना' विषय पर वेबिनार को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि अपनी स्थापना के बाद से ही लोकपाल अपने कर्तव्यों का निर्वहन लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम-2013 में उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार कर रहे हैं।
लोकपाल अध्यक्ष ने बताया कि लोकपाल को अबतक 110+1427 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिन्हें इस संबंध में निर्धारित कानूनी प्रावधानों के अनुसार निपटा लिया गया है। वेबिनार का आयोजन भारत में लोकपाल की स्थापना के दो वर्ष पूरे होने पर किया गया था, जिसकी अध्यक्षता स्वयं लोकपाल अध्यक्ष ने की। वेबिनार में लोकपाल के सदस्यों, मुख्य सतर्कता आयुक्त, सतर्कता आयुक्त, भारत सरकार के सचिव (कार्मिक), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक और निदेशक (प्रवर्तन) ने भाग लिया। प्रतिभागी एजेंसियों ने भ्रष्टाचार के बारे में वास्तविक जानकारियों को आपस में साझा करने पर बल दिया। इस दौरान एक ऐसा वेब पोर्टल बनाने का निर्णय लिया गया, जिसपर सीमित लोगों एवं एजेंसियों की पहुंच हो, जिससे ज़रूरी जानकारियों को साझा करना सुरक्षित और सरल हो सकेगा।
केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी भी वीडियो लिंक से वेबिनार में शामिल हुए। गौरतलब है कि लोकपाल की स्थापना लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम-2013 के प्रावधानों के तहत 23 मार्च 2019 को हुई थी। भारत के पहले लोकपाल के तौरपर न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष (सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश) को भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। इसके बाद लोकपाल कार्यालय के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष ने 27 मार्च 2019 को चार न्यायिक सदस्यों और चार अन्य सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी।

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