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Friday 2 April 2021 12:48:26 PM
कानपुर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) लैब डिफेंस मैटेरियल्स एंड स्टोर्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (डीएमएसआरडीई) कानपुर ने भारतीय सेना की गुणात्मक आवश्यकताओं को पूरा करते हुए 9.0 किलोग्राम वजनी हल्के वजन वाली बुलेट प्रूफ जैकेट विकसित की है। फ्रंट हार्ड आर्मस पैनल जैकेट का परीक्षण टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला चंडीगढ़ में किया गया और इस परीक्षण ने प्रासंगिक बीआईएस मानकों को पूरा कर लिया है। इस महत्वपूर्ण विकास का महत्व इस तथ्य में निहित है कि बुलेट प्रूफ जैकेट के वजन में कमी का प्रत्येक युद्ध में बने रहने के लिहाज से सैनिक का आराम बढ़ाने में महत्वपूर्ण है।
डीआरडीओ की इस तकनीक से मध्यम आकार के बुलेट प्रूफ जैकेट का वजन 10.4 से 9.0 किलोग्राम तक कम हो जाता है। इस उद्देश्य के लिए प्रयोगशालाओं में बहुत विशिष्ट सामग्री और प्रक्रमण प्रौद्योगिकियों का विकास किया गया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ वैज्ञानिकों और उद्योग को हल्के वजन वाली बुलेट प्रूफ जैकेट विकसित करने के लिए बधाई दी और कहा कि इससे सैनिक और अधिक आराम महसूस कर पाएंगे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी डीएमएसआरडीई टीम को इसके लिए बधाई दी।