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'भविष्य में तीनों सेनाएं एक साथ लड़ेंगी युद्ध'

सीडीएस का तीनों सेनाओं के लॉजिस्टिक्स एकीकरण का प्रयास

सेनाओं से लागत में कटौती व आधुनिकीकरण का आग्रह किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 2 April 2021 12:51:57 PM

general bipin rawat inaugurates the 3rd joint logistics node

मुंबई/ नई दिल्ली। भारतीय सेनाओं के प्रमुख चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भविष्य में होने वाले सभी युद्धों को एकीकृत रूपसे तीनों सेनाएं लड़ेंगी और बाकी सशस्त्र बल इस प्रकार के अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए युद्ध के सभी स्तरों पर साउंड लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करेंगे। जनरल बिपिन रावत ने 1 अप्रैल को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से मुंबई में तीसरे संयुक्त लॉजिस्टिक्स नोड की शुरुआत की और सेवाओं को समर्पित किया। यह जेएलएन सशस्त्र बलों को उनके छोटे हथियारों-गोला बारुद, राशन, ईंधन, जनरल स्टोर के सामान, असैन्य लोगों का परिवहन, विमानन लिबास और अन्य सामानों के लिए एकीकृत लॉजिस्टिक्स कवर प्रदान करेगा और उनके अभियानों के प्रयासों के बीच तालमेल के लिए इंजीनियरिंग सहयोग भी प्रदान करेगा।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि जेएलएन की स्थापना और परिचालन के रूपमें हमारी तीनों सेनाओं के लॉजिस्टिक्स के एकीकरण की दिशा में यह पहला कदम बहुत ही महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा कि इन नोड्स के कामकाज और प्रभाव को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए एक-दूसरे की सीमाओं को स्वीकार करना और एक-दूसरे की मजबूती व सर्वश्रेष्ठ तरीकों से सीखना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह पहल वित्तीय बचत के अलावा मानवशक्ति की बचत और संसाधनों का किफायती उपयोग करने में भी लाभ पहुंचाएगी। सीडीएस ने इस अवसर पर उन त्रि-योद्धाओं की प्रशंसा की, जिन्होंने इस नोड के लिए अपने दिल और आत्मा से काम किया। उन्होंने आग्रह किया कि वे हमारे इस उद्यम में उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत रहें, ताकि हम पूरी तरह से एकीकृत, आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार आत्मनिर्भर सेना बन सकें। सीडीएस ने कहा कि इन तीन जेएलएन का सफल संचालन देश के भिन्न हिस्सों में और जेएलएन को शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
संयुक्त लॉजिस्टिक्स नोड सेनाओं के बीच संयुक्त अंतर-संचालन को बढ़ावा देगा और तीनों सेनाओं के बीच संयुक्तता बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुसार सशस्त्र बलों की लॉजिस्टिक्स प्रक्रिया में सुधार का लंबा रास्ता तय करेगा। यह महत्वपूर्ण कदम सशस्त्र बलों में एकीकृत लॉजिस्टिक्स को सुदृढ़ करने का संकेत है और उन्हें युद्ध के सभी क्षेत्रों व अन्य सभी क्षेत्रों में निर्बाध रूपसे काम करने में सक्षम बनाएगा। सीडीएस ने इस मौके पर राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स के साथ एकीकरण करने के लिए काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिसे पिछले कुछ समय में यह कहकर नए रूपमें प्रोत्साहित किया गया कि यह राष्ट्रीय स्तर पर बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स में हो रहे सुधार से सशस्त्र बलों को लाभ पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से हम विपरीत परिस्थितियों में राष्ट्र के प्रयासों का वास्तविक भार उठा सकेंगे। उन्होंने सेनाओं से लागत में कटौती के साथ-साथ आधुनिकीकरण के लिए ठोस प्रयास करने का आग्रह भी किया।
इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ मुख्यालय (हैडक्वार्टर आईडीएस) के तत्वावधान में जॉइंट ऑपरेशन डिवीजन (जेओडी) ने सक्रिय रूपसे जेएलएन की स्थापना करके तीनों सेनाओं के लॉजिस्टिक्स एकीकरण की दिशा में पहला ठोस कदम उठाया। सरकार ने 12 अक्टूबर 2020 को मुंबई, गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर में जेएलएन की स्थापना की स्वीकृति दी थी। गुवाहाटी और त्रि-सेना अंडमान और निकोबार कमांड पोर्ट ब्लेयर पर 1 जनवरी 2021 से जेएलएन शुरू हो चुके हैं। वर्चुअली आयोजित जेएलएन के उद्घाटन पर तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जोकि तीनों सेनाओं के एकीकरण को वास्तविक रूप देता है। इस अवसर पर जनरल बिपिन रावत ने जेएलएन की स्थायी संचालन प्रक्रिया दोबारा भी जारी की।

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