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Saturday 3 April 2021 12:40:24 PM
महू (इंदौर)। आर्मी वॉर कॉलेज महू ने भारतीय सेना के प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान के रूपमें अपनी स्थापना के गौरवशाली वर्ष 50 पर धूमधाम से स्वर्ण जयंती मनाई। यह कॉलेज भारतीय सेना में सामरिक प्रशिक्षण का प्रमुख केंद्र है एवं पूरी तरह से भारतीय सशस्त्रबलों के और मित्र देशों के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए उत्तरदायी है। कॉलेज युद्ध कला की शिक्षा प्राप्त करने, रणनीति, रसद, समकालीन सैन्य अध्ययन एवं सैन्य सिद्धांत में सुधार का अग्रणी स्थान है। आर्मी वॉर कॉलेज अपनी गौरवशाली विशिष्ट पहचान के साथ अंकित आदर्श वाक्य 'युद्धाय कृतनिश्चयः' के साथ खड़ा हुआ है, जिसका अर्थ है-'युद्ध केलिए निश्चय करके खड़ा हो जा'।
महू में वर्ष 1971 के बाद से अपनी मामूली शुरुआत के बाद से यह कॉलेज सीखने और सैन्य नेतृत्व के विकास के एक शानदार और जीवंत केंद्र के रूपमें उभरा है। आर्मी वॉर कॉलेज की क्षमता, स्थिति और प्रतिष्ठा में वृद्धि से इसके संस्थापक का नज़रिया सराहनीय ढंग से पूरा हो पाया है। यह कॉलेज उन विशिष्ट अधिकारियों के लिए अल्मा मेटर बना हुआ है, जिन्होंने आजादी के बाद से भारतीय सशस्त्रबलों के अंजाम दिए गए सभी सैन्य अभियानों में अमिट छाप छोड़ी है। एडब्ल्यूसी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल वीएस श्रीनिवास के मार्गदर्शन में मुख्य आयोजन से पहले स्वर्ण जयंती साइक्लोथॉन, नौकायन रेगाटा, वेबिनार समेत अनेक गतिविधियां और समारोह आयोजित किए गए, जिनका शीर्षक था-'दशकों से युद्ध कला का विकास, भारतीय सैन्य विरासत, उभरते विषय या संघर्षों के स्वरूप एवं भारतीय सैन्य चिंतन का पुनः अंशांकन'।
लेफ्टिनेंट जनरल वीएस श्रीनिवास ने सभी रैंकों और रक्षा से जुड़े नागरिक कर्मचारियों के लिए विशेष सैनिक सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए व्यावसायिकता और उनके प्रदर्शित समर्पण के उच्च मानकों के लिए सभी रैंकों और रक्षा क्षेत्र से संबंधित नागरिकों की सराहना की। उन्होंने आह्वान किया कि वे उसी उत्साह और उमंग के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहें। चयनित व्यक्तियों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी सराहनीय सेवा के लिए सम्मानित किया गया। आर्मी वॉर कॉलेज में पुष्पांजलि कार्यक्रम हुआ, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला जीओसी-इन-सी आर-ट्रैक, प्रतिष्ठित पूर्व सैनिकों तथा एडब्ल्यूसी के पूर्व कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दुष्यंत सिंह (सेवानिवृत्त) और लेफ्टिनेंट जनरल पीजी कामथ, (सेवानिवृत्त) ने पुष्पांजलि अर्पित की।
थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने इस अवसर पर कवर का विमोचन और आर्मी वॉर कॉलेज पर ई-बुक का शुभारंभ किया। इस ऐतिहासिक मौके पर गोल्डन जुबली ट्रॉफी का अनावरण भी किया गया। सेना प्रमुख ने अपने संदेश में कहा कि आर्मी वॉर कॉलेज में प्रशिक्षण का दर्शन दृष्टिकोण के लिहाज से आधुनिक और समकालीन है और सशस्त्रबलों की लगातार बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए निरंतर विकसित हो रहा है। कॉलेज ने आधुनिककाल का 'तक्षशिला' होने का अपना मज़बूत रिकॉर्ड क़ायम रखा है। यह कॉलेज स्वर्णिम क्षितिज पर अग्रसर है।