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Tuesday 6 April 2021 12:17:07 PM
जम्मू/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज का आर्क निर्माण पूरा होने पर रेलवे की सराहना करते हुए कहा है कि भारत के जन-जन का सामर्थ्य और विश्वास आज दुनिया के सामने एक मिसाल पेश कर रहा है, यह निर्माण कार्य न केवल अत्याधुनिक इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत को प्रदर्शित करता है, बल्कि संकल्प से सिद्धि की देश की बदली हुई कार्य संस्कृति का भी अनुकरणीय उदाहरण है। रेलमंत्री ने भी ट्वीट करके कहा है कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत के नेतृत्व में रेलवे ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का आर्क निर्माण वंदे मातरम के उद्घोष के साथ पूर्ण कर लिया है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग कौशल का बेहतरीन उदाहरण यह ब्रिज प्रत्येक देशवासी को गर्व का अनुभव कराता है।
चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है और यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है। चिनाब के ऊपर पुल बनाने का यह सबसे कठिन हिस्सा था। यह उपलब्धि कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे खंड को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निश्चित रूपसे हाल के इतिहास में भारत में किसी रेल परियोजना के सामने आनेवाली सबसे बड़ी सिविल इंजीनियरिंग चुनौती है। करीब 5.6 मीटर लंबा धातु का टुकड़ा सबसे ऊंचे बिंदु पर फिट किया गया है, जिसने वर्तमान में नदी के दोनों किनारों से एक-दूसरे की ओर खिंचाव वाली मेहराब की दो भुजाओं को आपस में जोड़ा हुआ है, इससे मेहराब यानी आर्क निर्माण को पूरा किया गया है, जो 359 मीटर नीचे बह रही जोखिम भरी चिनाब नदी पर लूम करेगी। आर्क निर्माण पूरा होने के बाद स्टे केबल्स को हटाने, मेहराब रिब में कंक्रीट भरने, स्टील ट्रेस्टल को खड़ा करने, वायडक्ट लॉंच करने और ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। रेलमंत्री पीयूष गोयल, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने भी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से ऐतिहासिक मेहराब का काम पूरा होते हुए देखा।
चिनाब पुल के आर्क निर्माण की विशेषताओं में है कि भारतीय रेलवे कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए यूएसबीआरएल परियोजना के एक हिस्से के रूपमें चिनाब नदी पर प्रतिष्ठित मेहराब पुल का निर्माण कर रही है। यह पुल 1315 मीटर लंबा है, यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है, जो नदी के तल के स्तर से 359 मीटर ऊपर है। यह पेरिस (फ्रांस) की प्रतिष्ठित एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है, इसके निर्माण में 28,660 मीट्रिक टन इस्पात का फैब्रिकेशन हुआ है, इसमें 10 लाख सीयूएम मिट्टी का कार्य हुआ है, 66,000 सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ है और 26 किलोमीटर मोटर योग्य सड़कों का निर्माण शामिल है। आर्क निर्माण इस्पात के बक्सों से हुआ है। टिकाऊपन में सुधार के लिए इस मेहराब के बक्सों में कंक्रीट भरी जाएगी, इसका कुल वजन 10,619 मीट्रिक टन होगा। रेलवे ने पहलीबार ओवरहेड केबल क्रेन से मेहराब के मेम्बर्स का निर्माण किया है। संरचनात्मक कार्य के लिए सबसे आधुनिक टेक्ला सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है। संरचनात्मक इस्पात -10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान के लिए उपयुक्त है।
चिनाब पुल 266 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति की हवा की गति का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह पुल देश में पहलीबार डीआरडीओ के परामर्श से ब्लास्ट लोड के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक खंभे या सहारे को हटाने के बाद भी 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति पर परिचालित रहेगा। यह भारत में उच्चतम तीव्रता वाले जोन-V के भूकंप बलों को सहन करने के लिए डिजाइन किया गया है। पहलीबार रेलवे ने वेल्ड परीक्षण के लिए चरणबद्ध ऐरे अल्ट्रासोनिक टेस्टिंग मशीन का उपयोग किया है। रेलवे ने पहलीबार स्थल पर वेल्ड परीक्षण के लिए एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला स्थापित की। ढांचे के विभिन्न भागों को जोड़ेने के लिए लगभग 584 किलोमीटर वेल्डिंग की गई है, जो जम्मू तवी से दिल्ली की दूरी के बराबर है। श्रीनगर एंड पर केबल क्रेन के पाइलन की ऊंचाई 127 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 72 मीटर से कहीं अधिक है। रेलवे ने पहलीबार एंड लॉंचिंग विधि का उपयोग करके घुमावदार वायडक्ट भाग का शुभारंभ किया है। अत्याधुनिक इंस्ट्रूमेंटेशन से व्यापक स्वास्थ्य निगरानी और चेतावनी प्रणालियों की योजना भी बनाई गई है।