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Friday 9 April 2021 12:54:11 PM
नई दिल्ली। भारत में कॉपीराइट के लिए कॉपीराइट अधिनियम-1957 और कॉपीराइट नियम-2013 कानून हैं, जिन्हें कॉपीराइट (संशोधन) नियम-2021 को राजपत्रित अधिसूचना जीएसआर 225 (ई) 30 मार्च 2021 के द्वारा राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है। कॉपीराइट नियम-2013 को अंतिम बार वर्ष 2016 में संशोधित किया गया था। कॉपीराइट के मौजूदा कानूनों को दूसरे प्रासंगिक कानूनों के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से संशोधन पेश किए गए हैं, जिसका उद्देश्य कॉपीराइट कार्यालय में कार्य और संचार के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों को प्राथमिक मोड के रूपमें अपनाना है, ताकि डिजिटल युग में तकनीकी प्रगति के संदर्भ में सुचारू और बाधारहित अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
कॉपीराइट पत्रिका के प्रकाशन के बारे में एक नया प्रावधान शामिल किया गया है, जिससे आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। यह पत्रिका कॉपीराइट कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। कॉपीराइट की जवाबदेही और पारदर्शिता को प्रोत्साहित करने के लिए नए प्रावधान पेश किए गए हैं, जिससे वितरित नहीं की गई रॉयल्टी राशियों का समाधान करने तथा रॉयल्टी संग्रह एवं वितरण के दौरान इलेक्ट्रॉनिक और पता लगाने योग्य भुगतान प्रणालियों के उपयोग की सुविधा प्राप्त होगी। कॉपीराइट सोसाइटी के काम-काज में पारदर्शिता को सुदृढ़ करने के लिए एक नया नियम पेश किया गया है, जिसके तहत कॉपीराइट सोसाइटी को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट तैयार करने और इसे सार्वजनिक करने की आवश्यकता होगी।
कॉपीराइट कानूनों में संशोधन से कॉपीराइट नियमों का वित्त अधिनियम-2017 के प्रावधानों के साथ सामंजस्य स्थापित हुआ है, जिसके तहत कॉपीराइट बोर्ड का अपीलीय बोर्ड में विलय कर दिया गया है। सॉफ़्टवेयर कार्यों के पंजीकरण की अनुपालन आवश्यकताओं को काफी हद तक कम कर दिया गया है, क्योंकि अब आवेदक के पास स्रोत कोड के पहले 10 और अंतिम 10 पृष्ठों या पूरे स्रोत कोड यदि 20 से कम पृष्ठ हैं को दर्ज करने की स्वतंत्रता है तथा खाका या संपादित अंश की जरूरत नहीं रह गई है। केंद्र सरकार के समक्ष कॉपीराइट सोसाइटी के पंजीकरण के आवेदन पर केंद्र सरकार ने आवेदन का जवाब देने संबंधी समय-सीमा को बढ़ाकर 180 दिन कर दिया है, ताकि आवेदन की अधिक व्यापक जांच की जा सके।