स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 15 April 2021 03:23:31 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारतरत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर की 130वी जयंती पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन पोर्टल की शुरुआत कर दी है। इस अवसर पर रविशंकर प्रसाद ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबासाहेब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर समाज सुधारक और अर्थशास्त्री थे, उन्होंने हमारे समाज के वंचित वर्ग के लोगों और दलित वर्गों के लोगों के उत्थान के लिए अनुकरणीय कार्य किए। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने में उनके अपार योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा, वह चाहते थे कि हमारे देश में सामाजिक असमानता को समाप्त कर दिया जाए। रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की नई पहलों का उल्लेख किया, जिनसे भारत में बड़ा परिवर्तन आया है और देश सशक्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया को हमारे देश में एक जन आंदोलन बनाने की जरूरत है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि उनका मंत्रालय समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के लोगों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एनसीएससी शिकायत प्रबंधन पोर्टल से अनुसूचित जाति के लोगों के लिए देश के किसी भी हिस्से से अपनी शिकायत दर्ज कराना आसान हो जाएगा, यह उन्हें आवेदन और संबंधित शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने एवं उनका समयबद्ध तरीके से निपटारा करने में सक्षम करेगा। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल बाबासाहेब के सपनों को पूरा करेगा। एनसीएससी के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा कि एनसीएससी का उद्देश्य पोर्टल के माध्यम से विशेष रूपसे अनुसूचित जाति की आबादी की शिकायत निवारण तंत्र को व्यवस्थित करना है। भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत उत्कृष्टता केंद्र के सहयोग से बनाया गया पोर्टल शिकायतों के शुरुआत से अंत तक शिकायतों और उनकी निगरानी की ई-फाइलिंग की सुविधा प्रदान करेगा। यह पोर्टल आयोग की वेबसाइट से जुड़ा हुआ है और कोई भी व्यक्ति इस पर शिकायत दर्ज कर सकता है। दस्तावेज़ और ऑडियो/ वीडियो फ़ाइलों को अपलोड करने की सुविधा भी पोर्टल पर उपलब्ध है। यह शिकायतों और विवादों के वास्तविक रूपसे प्रस्तुतीकरण का पूरक होगा।
गौरतलब है कि एनसीएससी का गठन भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत किया गया था, जिसका उद्देश्य समय-समय पर लागू किसी भी कानून या भारत सरकार के किसी भी आदेश के तहत अनुसूचित जाति के लिए प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों से संबंधित सभी मुद्दों की जांच करना और निगरानी करना है। भारत सरकार का कोई भी आदेश आयोग अनुसूचित जाति के लिए प्रदान किए गए अधिकारों और सुरक्षा उपायों से वंचित करने के संबंध में विशिष्ट शिकायतों की भी जांच करता है। संविधान और सरकार की नीतियों में अनिवार्य रूपसे शामिल एनसीएससी ने अनुसूचित जाति समुदाय के उत्थान के लिए अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत किया है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर, एनसीएससी के सदस्य सुभाष रामनाथ पारधी, एनसीएससी की सदस्य डॉ अंजू बाला और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी भी उपस्थित थे।