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भूटान में दंतक परियोजना की डायमंड जुबली

भारत-भूटान दोस्ती में दंतककर्मियों का अनुकरणीय योगदान

सिमटोखा में दंतक स्मारक पर पुष्पांजलि कार्यक्रम हुआ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 27 April 2021 01:32:20 PM

diamond jubilee of project dantak at the dantak memorial in simtokha bhutan

थिम्पू। भूटान में दंतक परियोजना अपनी डायमंड जुबली मना रही है। इस अवसर पर भूटान में भारतीय राजदूत रुचिरा कंबोज ने सिमटोखा में दंतक स्मारक पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। भारतीय सैन्य प्रशिक्षण दल (आईएमटीआरएटी) के कमांडेंट मेजर जनरल संजीव चौहान और मुख्य अभियंता दंतक ब्रिग कबीर कश्यप ने भी स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। भारत और भूटान के बीच दोस्ती के बंधन को मजबूत करने में दंतककर्मियों का अनुकरणीय योगदान रहा है। ज्ञातव्य है कि भूटान में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण करते समय 1,200 से अधिक दंतककर्मियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था।
भूटान के तीसरे राजा और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दूरदर्शी नेतृत्व के परिणामस्वरूप 24 अप्रैल 1961 को प्रोजेक्ट दंतक की स्थापना की गई थी। भूटान के सामाजिक और आर्थिक विकास एवं तरक्की को प्रभावित करने में कनेक्टिविटी के अत्यधिक महत्व की पहचान करते हुए दंतक को राज्य में अग्रणी मोटर योग्य सड़कों के निर्माण का काम सौंपा गया था। दंतक ने 1968 में समद्रुप जोंगखर को त्रासीगंग से जोड़ने वाली सड़क पूरी की थी, उसी वर्ष थिम्फू को दंतक ने फुंटशोलिंग से जोड़ा, जिसमें कई भूटानियों ने भी स्वेच्छा से कार्य किया था। इन वर्षों में दंतक ने भूटान में असंख्य राजसी जरूरतों को पूरा किया है, जोकि वहां की राजशाही दृष्टि और लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप हैं।
दंतक परियोजना सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थापित चिकित्सा और शिक्षा सुविधाओं में पहली थी। सड़क किनारे भोजन की दुकानों ने भूटानी लोगों को भारतीय व्यंजनों से परिचित कराया और भारतीय भोजन के लिए उनका स्वाद विकसित हुआ। फुंटशोलिंग और थिम्फू के बीच पड़ने वाली प्रसिद्ध तक्थी कैंटीन यात्रियों के लिए एक अनिवार्य पड़ाव बना रहा है। जैसाकि दंतक भूटान में छह दशक का जश्न मना रहा है, यह परियोजना भूटान के ड्रुक ग्यालपो के सपनों को साकार करने की दिशा में भूटान के समर्थन में अपनी प्रतिबद्धता, भूटान की शाही सरकार की योजनाओं और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं की पुष्टि करती है। कुछ अन्य उल्लेखनीय परियोजनाओं में पारो हवाई अड्डे, योनफुला एयरफील्ड, थिम्फू-त्रासीगंग राजमार्ग, दूरसंचार और हाइड्रो पावर इंफ्रास्ट्रक्चर, शेरुबसे कॉलेज, कांग्लुंग और इंडिया हाउस एस्टेट का निर्माण शामिल है।

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