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Wednesday 5 May 2021 01:08:58 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 5जी तकनीक के उपयोग और एप्लीकेशन के लिए परीक्षण करने की अनुमति दे दी है। आवेदक कंपनियों में भारती एयरटेल लिमिटेड, रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड, वोडाफोन इंडिया लिमिटेड और एमटीएनएल शामिल हैं। इन कंपनियों ने मूल उपकरण निर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ समझौता किया है, जिसमें एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट शामिल हैं। रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड भी अपनी स्वदेशी तकनीक का उपयोग करते हुए परीक्षण करेगी। डीओटी ने यह मंजूरी टीएसपी की प्राथमिकताओं और प्रौद्योगिकी सहयोगी कंपनियों के आधार पर दी है।
प्रयोग के लिए यह स्पेक्ट्रम विभिन्न बैंडों में दिया जा रहा है, जिसमें मिड-बैंड (3.2 गीगाहर्ट्ज़ से 3.67 गीगाहर्ट्ज़), मिलीमीटर वेव बैंड (24.25 गीगाहर्ट्ज़ से 28.5 गीगाहर्ट्ज़) और सब-गीगाहर्ट्ज़ बैंड (700 गीगाहर्ट्ज़) शामिल हैं। टीएसपी को इसके अलावा 5जी परीक्षणों के संचालन के लिए उनके मौजूदा स्पेक्ट्रम (800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज) के तहत ट्रॉयल की अनुमति होगी। वर्तमान में परीक्षणों की अवधि 6 महीने के लिए है, इसमें उपकरणों की खरीद और स्थापना के लिए 2 महीने की अवधि शामिल है। अनुमति पत्र के अनुसार प्रत्येक टीएसपी को शहरों के अलावा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी परीक्षण करना होगा ताकि देश भर में 5जी टेक्नोलॉजी का लाभ प्राप्त हो और यह केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित न हो। टीएसपी को पहले से ही मौजूद 5जी प्रौद्योगिकी के अलावा 5जी आई तकनीक का उपयोग परीक्षण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ ने 5जी आई तकनीक को भी मंजूरी दी है।
भारत ने वकालत की थी, क्योंकि यह 5जी टावरों और रेडियो नेटवर्क की पहुंच को आसान बनाता है। आईआईटी मद्रास वायरलेस टेक्नोलॉजी के उत्कृष्ट केंद्र और आईआईटी हैदराबाद ने 5जी तकनीक का विकास किया है। भारतीय संदर्भ में 5जी स्पेक्ट्रम का प्रसार भारतीय जरूरतों के आधार पर करना है। मॉडल ट्यूनिंग और चुने हुए उपकरण और उनके वेंडर का मूल्यांकन, स्वदेशी तकनीक का परीक्षण, एप्लीकेशन आधारित तकनीकी का परीक्षण जैसे टेली-मेडिसिन, टेली-शिक्षा, वर्चुअल रियल्टी, ड्रोन-आधारित कृषि निगरानी आदि और 5जी फोन और उपकरणों का परीक्षण करने के लिए किया गया है। इस तकनीक से डेटा डाउनलोड दरों (4 जी के 10 गुना होने की उम्मीद) है। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, जिसके जरिए स्पेक्ट्रम क्षमता से तीन गुना अधिक उपयोग किया जा सकेगा और उद्योग जगत को 4.0 एप्लीकेशन के लिए सक्षम कर सकेगा।
एप्लीकेशंस का इस्तेमाल कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, यातायात प्रबंधन, स्मार्ट शहरों, स्मार्ट घरों और आईओटी (इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स) में हो सकेगा। डीओटी ने निर्दिष्ट किया है कि परीक्षण को अलग से किया जाएगा और टीएसपी के मौजूदा नेटवर्क के साथ नहीं जोड़ा जाएगा। परीक्षण गैर-वाणिज्यिक आधार पर होंगे। परीक्षण के दौरान उत्पन्न डेटा भारत में संग्रहीत किया जाएगा। टीएसपी से यह उम्मीद है कि वह परीक्षण के हिस्से के रूपमें स्वदेशी रूपसे विकसित उपकरणों और तकनीकी का इस्तेमाल करेगी। हाल ही में 5जी एप्लीकेशन पर हैकाथन में डीओटी के चुने गए 100 एप्लीकेशन मामलों का भी उपयोग किया जा सकता है।