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Saturday 8 May 2021 02:16:02 PM
नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय ने तेलंगाना सरकार को वैक्सीन के वितरण के लिए ड्रोन के इस्तेमाल में पायलट की निगरानी रेंज के बाहर उड़ान तकनीकी के इस्तेमाल को शर्तों के आधार पर छूट दे दी है। कोविड-19 महामारी से लड़ने और राष्ट्र की सहायता के निरंतर प्रयास के हिस्से के रूपमें ड्रोन के इस्तेमाल का दायरा बढ़ाने के लिए अमेरिकी अनमैन्ड एयरक्रॉफ्ट सिस्टम-2021 के नियमों में छूट दी गई है। पिछले महीने तेलंगाना सरकार को कोविड-19 वैक्सीन वितरण के लिए विज़ुअल लाइन ऑफ साइट रेंज के भीतर ड्रोन का उपयोग करने की सशर्त छूट दी गई थी। एप्लीकेशन आधारित मॉडल तैयार करने और ड्रोन परियोजना में तेजी लाने के लिए पायलट की निगरानी रेंज के बाहर उड़ान तकनीकी के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। राज्य इसका मई 2021 के अंत तक परीक्षण शुरू कर सकते हैं।
ड्रोन के प्रयोग की छूट परिशिष्ट 1 में बताई गई शर्तों और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के जारी दिशा-निर्देशों के पालन के अधीन दी गई है। यह छूट एसओपी के अनुमोदन की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक जो भी पहले हो उस वक्त तक मान्य होगी। इस महीने के शुरु में 20 कंपनियों के समूह को निगरानी रेंज के बाहर उड़ान तकनीकी के प्रायोगिक इस्तेमाल की अनुमति दी जा चुकी है। बीवीएलओएस परीक्षण ड्रोन डिलीवरी और अन्य प्रमुख एप्लीकेशन के लिए नियामकीय फ्रेमवर्क बनाने में मदद करेगा। तेलंगाना सरकार के लिए वैक्सीन वितरण में बीवीएलओएस तकनीकी का ड्रोन में इस्तेमाल करने की शर्तें हैं-प्रत्येक कंपनियों के समूह को दस्तावेजों को विकसित कर डीजीसीए के सामने प्रस्तुत करना होगा, बीवीएलओएस परिचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया, एटीसी और भारतीय वायुसेना के साथ सामान्य परिस्थितियों और किसी आपात स्थिति जैसे कमांड एवं नियंत्रण (सी-2) में लिंक टूटने पर समन्वय के लिए एसओपी, इसमें शामिल संस्थाओं (सरकारी संस्थाओं के अलावा) व्यक्तियों से संबंधित और प्रस्तावित हवाई रास्ते के लिए सुरक्षा संबंधी मंजूरी गृह मंत्रालय से प्राप्त की जाएगी। तेलंगाना सरकार एयरमैन और एएआई शम्साबाद महाप्रबंधक के साथ समन्वय कर नोटिस शुरू करेगी।
ड्रोन ऑपरेशंस के लिए ग्राउंड लेवल से अधिकतम 400 फुट की ऊंचाई होगी। उड़ान के समय का 15% इस्तेमाल ऊर्जा के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए। बीवीएलओएस परीक्षण उड़ानों से पहले प्रत्येक कंपनियों के समूह को हितधारकों को शामिल करते हुए खतरे की पहचान और जोखिम प्रबंधन की कार्यशाला आयोजित करनी चाहिए। बीवीएलओएस परीक्षणों का प्रयास केवल तभी किया जाना चाहिए, जब जोखिम को देखते हुए सभी सुरक्षा मानक पूरे कर लिए गए हों। ड्रोन पायलटों के पास प्रशिक्षण का वैध प्रमाणपत्र होना जरूरी होगा और ड्रोन संचालन में पर्याप्त अनुभव होगा। ड्रोन ऑपरेटर और रिमोट पायलट का एक सुरक्षित बीवीएलओएस रिकॉर्ड अनिवार्य आवश्यकताएं हैं। परीक्षण शुरू करने से पहले भारतीय वायुसेना और स्थानीय प्रशासन से मंजूरी प्राप्त की जाएगी। तेलंगाना सरकार एटीसी के साथ सुचारू समन्वय सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण उड़ानों की पूरी अवधि के लिए शम्साबाद एटीसी को एकल बिंदु समन्वयक बनाएगी। प्रत्येक बीवीएलओएस परीक्षण उड़ान की योजना को शम्साबाद एटीसी के साथ साझा करनी होगी और उड़ान सूचना केंद्र संख्या और वायु रक्षा मंजूरी संख्या प्राप्त की जाएगी।
ड्रोन संचालन स्थानीय सूर्योदय और स्थानीय सूर्यास्त के बीच सीमित रहेगा। टेक-ऑफ और लैंडिंग स्थलों पर दृश्य मौसम संबंधी स्थिति अच्छी होनी चाहिए। ड्रोन निर्माता निर्धारित मौसम की सीमाओं का अनुपालन करेंगे। बीवीएलओएस परीक्षण उड़ानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन को कुछ प्रमुख आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए जैसे-टाइप-माइक्रो या स्मॉल कैटेगरी रोटरी विंग ड्रोन, वैध ड्रोन अभिस्वीकृति संख्या, लंबी दूरी के संचालन के लिए पर्याप्त क्षमता, प्रतिकूल मौसम का सामना करने की क्षमता, पहचान संचारित करने और ट्रैजेक्टरी (ऊंचाई की स्थिति) की जानकारी हासिल करने की क्षमता, बोर्ड पर एक बैरोमीटर सेंसर होना जरूरी, जियो सेसिंग, वापस लौटने और स्वचालित उड़ान समाप्ति की क्षमता। स्वचालित संचालन की क्षमता, चमकीले रंग और चमकती स्ट्रोब लाइट की पहचान की क्षमता, अवरोधों से टकराहट न हो उससे बचने के लिए 360 डिग्री अवरोधक बचाव प्रणाली, मानव और मानव रहित विमानों का पता लगाने और उनसे बचने के लिए डीएए सिस्टम से युक्त, ड्रोन पॉयलट को जानकारी देने के लिए दृश्य या ऑडियो अलर्ट के साथ लाइव ट्राजेक्टरी, मानवयुक्त विमान सूचना, डीएए जानकारी और प्रथम व्यक्ति नजर प्रदान करने की क्षमता।
पे लोड का इस्तेमाल प्रस्तावित उपयोग में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। परीक्षणों के दौरान ड्रोन सामग्रियों को गिरा या डिस्चार्ज नहीं करेगा और किसी भी खतरनाक सामग्री का परिवहन नहीं करेगा। बीवीएलओएस परीक्षण कार्यों में लगे प्रत्येक कंसोर्शियम को उड़ानों के वास्तविक समय प्रबंधन के लिए यूएएस ट्रैफिक मैनेजमेंट का बुनियादी ढांचा स्थापित करना चाहिए और आवश्यकतानुसार एटीसी और आईएएफ इकाइयों की जानकारी के लिए स्थितिजन्य डेटा प्रदान करना चाहिए। प्रत्येक कंसोर्शियम यह सुनिश्चित करेगा कि यूएएस परिचालनों के समय किसी भी तरह की दुर्घटना का बीमा कवर किया जाएगा। जिसके तहत किसी ऐसे व्यक्ति की मौत या उसके घायल होने पर या उसे बीमा का लाभ मिल सके जो इस प्रक्रिया में शामिल नहीं है, इसके साथ ही संपत्ति के नुकसान का भी बीमा कवर करना जरूरी होगा। ऐसे परीक्षणों के संचालन के दौरान किसी भी संस्था द्वारा किसी भी तरह की हानि या क्षति के लिए भारत और उसकी संस्थाओं को उत्तरदायी नहीं ठहराया जाएगा।
उड्डयन मंत्रालय ने तेलंगाना सरकार से स्पष्ट कहा है कि बीवीएलओएस परीक्षण उड़ानों का किसी भी व्यावसायिक प्रयोजन के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा। परीक्षणों के पूरा होने पर तेलंगाना सरकार नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए के पास विस्तृत साक्ष्यों के साथ एक प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी। यह उम्मीद की जाती है कि दस्तावेजीकरण और समर्थन के पक्ष में साक्ष्य का स्तर प्रस्तावित बीवीएलओएस ड्रोन ऑपरेशन की जटिलता के स्तर के अनुरूप होगा। प्रत्येक कंसोर्शियम भारत सरकार और उसकी संस्थाओं को तीसरे पक्ष के किसी भी दावे के नुकसान (जिसमें मुकद्मेबाजी की लागत सीमित नहीं है) की क्षतिपूर्ति करेगा, जो इस तरह के परीक्षणों के संचालन के दौरान कंसोर्शियम के किसी भी कार्य के कारण उत्पन्न हो सकता है।