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Monday 10 May 2021 06:00:43 PM
गुवाहाटी। हिमंता बिस्वा सरमा ने आज असम सरकार की बागडोर संभाल ली। असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने उन्हें असम के पंद्रहवें मुख्यमंत्री के रूपमें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। हिमंता बिस्वा सरमा ने सर्बानंद सोनोवाल का स्थान लिया है। यूं तो ये दोनों ही नेता असम में भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय राजनेता हैं, मगर इस बार भाजपा नेतृत्व ने हिमंता बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री के रूपमें असम की सेवा करने का अवसर प्रदान किया है। माना जाता है कि हिमंता बिस्वा सरमा का विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में बड़ा योगदान रहा है। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा भी प्रमुख रूपसे मौजूद थे। एक असम के साहित्यिक परिवार की पृष्ठभूमि और राजनीतिक शास्त्र में पारांगत पेशे से एक शानदार वकील हिमंता बिस्वा सरमा की असम में लोकप्रियता का ही असर था कि भारतीय जनता पार्टी ने बिना किसी चेहरे के विधानसभा चुनाव लड़ा और पहले से भी ज्यादा प्रचंड जीत दर्ज की। हिमंता बिस्वा सरमा असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री थे।
हिमंता बिस्वा सरमा ने जनसामान्य में अच्छीखासी लोकप्रियता हासिल की है। पिछली बार वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होकर विधानसभा चुनाव जीते थे। वे वर्ष 2001 से लगातार असम विधानसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं। कांग्रेस में रहने के दौरान एक समय ऐसा भी आया कि वे असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए। असम की कांग्रेस राजनीति में उपेक्षा को लेकर उनके तरुण गोगोई से मतभेद हो गए और उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व ही कांग्रेस छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह के सामने भाजपा में शामिल हो गए। उन्हें भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ाया और जीत गए। वे इस बार भी करीब एक लाख से अधिक मतों से चुनाव जीते हैं और भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने माना कि उनके प्रभाव से ही भाजपा ने इसबार और भी ज्यादा प्रचंडता से असम विधानसभा का चुनाव जीता है, इसलिए उन्हें इसबार असम का मुख्यमंत्री बनाया गया है। समझा जाता है कि सर्बानंद सोनोवाल को केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा।
भाजपा सर्बानंद सोनोवाल और हिमंता बिस्वा सरमा को असम में अपनी अमूल्य राजनीतिक निधि मानती है। हिमंता बिस्वा सरमा कभी कांग्रेस के नेता और मुख्यमंत्री रहे हितेश्वर सैकिया के समय राजनीति में आए मगर तरुण गोगोई को वे अपना राजनीतिक गुरु भी मानते थे। हिमंता बिस्वा सरमा में राजनीतिक समझबूझ और जनसामान्य को समझने की गजब की क्षमता मानी जाती है। उनको आज भाजपा का नार्थ-ईस्ट का भी लोकप्रिय चेहरा माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमंता बिस्वा सरमा को असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सहयोगी मंत्रियों को भी बधाई दी। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह टीम असम में विकास की यात्रा को और तेज करने तथा लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सफल रहेगी। हिमंता बिस्वा सरमा ने इस अवसर पर कहा है कि असम को समृद्धि की ऊंचाइयों पर ले जाना और असम को देश के आदर्श एवं अग्रणी राज्यों में ले जाना और भारत के प्रधानमंत्री के आदर्शों और मूल्यों का अनुसरण करना हमारी प्रतिज्ञा है।
हिमंता बिस्वा सरमा को गुवाहाटी में समारोहपूर्वक असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने असम के 15वें मुख्यमंत्री के रूपमें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। असम का मुख्यमंत्री बनने पर हिमंता बिस्वा सरमा को केंद्रीय, संगठन और राज्य के मंत्रियों एवं सहयोगियों ने भी हार्दिक बधाई दी है। हिमंता बिस्वा सरमा ने बधाई एवं शुभकामनाओं के लिए हृदय से धन्यवाद देते हुए कहा कि असम की चहुंमुखी प्रगति के हमारे संकल्प में आपकी शुभकामनाएं हमें ताकत प्रदान करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की भी जोरदार प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सर्बानंद सोनोवाल ने पिछले पांच वर्ष एक जन समर्थक और विकास समर्थक प्रशासन का नेतृत्व किया है एवं असम की प्रगति और राज्य में भाजपा को मजबूत बनाने की दिशा में उन्होंने एक बड़ा योगदान दिया है।