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Tuesday 18 May 2021 04:15:37 PM
नई दिल्ली। जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने समावेशी, कौशल आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिहाज से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों और आश्रम जैसे स्कूलों के डिजिटल परिवर्तन को लेकर माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक समझौता किया है। मंत्रालय के एक ऑनलाइन कार्यक्रम 'सफलता के लिए युवाओं का सशक्तिकरण' के तहत स्कूल और अन्य शैक्षिक संस्थानों के लिए डिजिटल कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसके तहत यह समझौता किया गया है। वंचित तबके के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रम अफर्मेटिव एक्शन की पहल के तहत माइक्रोसॉफ्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों को लेकर मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी ईएमआरएस स्कूलों में अंग्रेजी और हिंदी दोनों में आदिवासी छात्रों और शिक्षकों को हुनरमंद बनाने के लिए पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा।
जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस अवसर पर कहा है कि हमारे छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर छात्रों की तैयारी के मामले में फायदेमंद साबित होगा, यह छात्रों को डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से आवश्यक कौशल मुहैया कराएंगा, यह एआई और कोडिंग के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा होने के साथ एक नया अध्याय शुरू करेगा। अर्जुन मुंडा ने कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन को सफल बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि यह माइक्रोसॉफ्ट प्रोग्राम आदिवासी छात्रों और अन्य लोगों के बीच की खाई को पाटने में सक्षम होगा। जनजातीय मामलों की राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता ने कहा कि आदिवासी छात्रों के लिए वैश्विकस्तर की शिक्षा प्राप्त करने और समान अवसर प्राप्त करने का यह अनूठा अवसर है।
रेणुका सिंह सरुता ने कहा कि यह पहल आदिवासी छात्रों को लॉकडाउन में उनकी शिक्षा में निरंतरता बनाए रखने के लिए बड़ी मददगार साबित हो सकती है। कार्यक्रम के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इन स्कूलों में न केवल छात्रों, बल्कि मंत्रालय से नामित 5000 शिक्षकों को भी पेशेवर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत पहले चरण में 250 ईएमआरएस स्कूलों को माइक्रोसॉफ्ट ने गोद लिया है, जिसमें से 50 ईएमआरएस स्कूलों को गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा और पहले चरण में 500 मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। भारत में राज्यों के शिक्षकों को शिक्षण में ऑफिस 365 और एआई एप्लिकेशंस जैसी उपयोगी तकनीकों का उपयोग करने के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे उन्हें छात्रों को अधिक पर्सनलाइज्ड, उत्पादक और सुरक्षित तरीके से दूरस्थ शिक्षण अनुभव प्रदान करने में मदद मिलेगी। शिक्षकों की ट्रेनिंग उन्हें वर्चुअल कॉलेबोरेशन की दुनिया से परिचित कराएगा। वर्चुअल क्षेत्र के विशेषज्ञों के जरिए दूर-दराज के शिक्षकों को ट्रेनिंग मुहैया कराई जाएगी। यह प्रोग्राम शिक्षकों को माइक्रोसॉफ्ट एजुकेशन सेंटर से पेशेवर ई-बैज और ई-सर्टिफिकेट अर्जित करने का अवसर भी प्रदान करेगा।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया पब्लिक सेक्टर के कार्यकारी निदेशक नवतेज़ बल ने कहा कि पिछले साल नीति और व्यवहार से हमें समझ आया कि सीखने का भविष्य अधिक पर्सनलाज्ड और प्रौद्योगिकी से संचालित होगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय मंत्रालय के साथ हमारी साझेदारी विद्यार्थियों और शिक्षकों की अगली पीढ़ी के लिए समान अवसर और पहुंच प्रदान करते हुए शिक्षा समानता को सक्षम करने का एक कदम है। नवतेज़ बल ने कहा कि हम भारत में शिक्षा के डिजिटल परिवर्तन और एक ऐसे समुदाय का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो भारत के विकास के अगले चरण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सचिव अनिल कुमार झा ने कहा कि नई पीढ़ी में परिवर्तन शिक्षा और स्वास्थ्य के माध्यम से होगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सुनिश्चित करेगा कि आदिवासी छात्रों को अपना भविष्य, अपना पर्यावरण, अपना गांव और समग्र समुदाय को बदलने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट की सक्रिय भागीदारी प्रतिभा पूल बनाने में मदद करेगी, जो भविष्य में देश के लिए एक संपत्ति होगी। नवतेज़ बल ने कहा कि यह कार्यक्रम एक बार नहीं, बल्कि पीढ़ियों के माध्यम से ज्ञान का भंडार बनाने वाली एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए।
साझेदारी के तहत मंत्रालय के अंतर्गत स्कूलों के छात्रों को उन परियोजनाओं पर सलाह दी जाएगी, जिनमें सामाजिक कल्याण और संयुक्तराष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों केलिए एआई एप्लिकेशसं शामिल हैं। डिजाइन में हुनरमंद बनाने में मदद करने के लिए छात्रों को माइनक्राफ्ट पर सहज वातावरण के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। समावेश और पहुंच को सक्षम करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट एआई पाठ्यक्रम को स्कूलों और छात्रों के लिए अंग्रेजी और हिंदी दोनों में उपलब्ध कराएगा। यह पहल शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को भी सक्षम बनाएगी, जिससे वे कक्षाओं में प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकेंगे। माइक्रोसॉफ्ट डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में तेजी लाने के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत राज्यों के स्कूलों के साथ काम करेगा। ये स्कूल उन्हें माइक्रोसॉफ्ट शोकेस स्कूलों में बदलने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और उपकरणों से लैस होंगे, जो शिक्षण में तकनीकी नवाचार को शामिल करते हैं, निर्णय लेने के लिए उत्पादकता अंतर्दृष्टि का उपयोग करते हैं और यह प्रत्येक छात्र के लिए सुलभ है।