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Friday 21 May 2021 04:48:58 PM
नई दिल्ली। हिंदुस्तान में कोविड की दूसरी लहर से निपटने को स्टार्ट-अप आधारित समाधान के लिए तेजी से काम चल रहा है। इसके मद्देनज़र भारतीय स्टार्ट-अप्स और कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, ताकि इस संकट का सामना करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों और अभिनव उत्पादों का विकास किया जा सके। निधि4कोविड2.0 एक नई पहल है, जिसके तहत कंपनियां आवेदन कर सकती हैं। इसके जरिये भारत में पंजीकृत उन पात्र स्टार्ट-अप और कंपनियों को आर्थिक मदद दी जाएगी, जो ऑक्सीजन नवाचार, आसानी से लाने-ले जाने वाले उपकरण, जरूरी मेडिकल सहायक सामग्री, निदान संबंधी समाधान और कोविड-19 के गहरे असर का सामना करने वाले देश समाज की मदद तथा इसका असर कम करने का समाधान निकाल सकेंगी।
निधि4कोविड2.0 पहल डीएसटी के अधीन राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड का विशेष अभियान है, जिससे महामारी संकट से निपटने में देश को घरेलू समाधान तथा अभिनव उत्पाद मिल सकेंगे। स्थिति यह है कि इस समय ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरणों के लिए जिन पुर्जों की जरूरत पड़ती है, उन्हें आयात किया जा रहा है, इन्हीं पुर्जों का विकास और निर्माण भारत में करने का उद्देश्य है, इसके लिए डीएसटी बुनियादी आर्थिक सहायता देगा। कुशल स्टार्ट-अप्स को वित्तीय सहायता मिलेगी और उनके उत्पादों व प्रौद्योगिकियों को अगले स्तर तक ले जाने के लिए सहयोग किया जाएगा, ताकि उत्पादों का तेज विकास किया जा सके। यह पहल एनएसटीईडीबी के पूर्व के अनुभव पर आधारित है। संस्था ने 2020 में स्टार्ट-अप्स की मदद की थी।
बताया गया हैकि इस मदद के लिए संस्था ने सेंटर फॉर ऑगमेंटिंग वॉर विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसेस यानी कोविड-19 स्वास्थ्य चुनौती के खिलाफ जंग में तेजी लाने वाले केंद्र को क्रियांवित किया था। यह काम स्टार्ट-अप्स के लिए बुनियादी सहायता प्रणाली के जरिए किया गया था। डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा का कहना हैकि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरणों के विकास को सहायता देने से ऐसी तमाम जरूरी चीजों के विकास और निर्माण के अपार अवसर मिल जाते हैं, जिन्हें आयात किया जाता है जैसे-विशिष्ट वॉल्व, जेयोलाइट पदार्थ, तेल रहित व शोर-रहित छोटे कंप्रेसर, गैस सेंसर आदि तमाम सेक्टरों में इनका भरपूर इस्तेमाल होता है। मौजूदा हालात में बाज़ार में नई प्रौद्योगिकियां और उत्पाद लाने में स्टार्ट-अप्स अहम भूमिका निभा सकते हैं।
हिंदुस्तान कोविड के खिलाफ जंग के दौरान इस तरह मौजूदा विभिन्न मोर्चों पर मजबूत बनेगा। कुछ स्टार्ट-अप्स की प्रौद्योगिकियां वाकई कारगर हैं, लेकिन उन्हें सलाह, वित्त और बाज़ार समर्थन की जरूरत है, ताकि वे अगले स्तर तक पहुंच सकें। डीएसटी इस नई पहल के जरिये कोशिश कर रहा है कि पात्र स्टार्ट-अप्स को आवश्यक सहयोग मिल सके और उनकी प्रौद्योगिकियां विकसित हों। उनके उत्पाद विकास स्तर तक पहुंच सकें, इसके लिए डीएसटी हर संभव मदद कर रहा है। जो इच्छुक आवेदक समाधान दे सकते हैं, वे पोर्टल https://dstnidhi4covid.in पर 31 मई, 2021 को 23.59 बजे तक आवेदन कर सकते हैं।