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Tuesday 25 May 2021 04:59:01 PM
नई दिल्ली। इजराइल भारत में अपनी कृषि प्रौद्योगिकी से खेती-बाड़ी में क्रांति लाएगा। इजराइल और भारत ने कृषि क्षेत्र में बड़ी साझेदारी को और आगे बढ़ाते हुए अपने सहयोग को और भी मज़बूत करने के लिए तीन साल के कार्ययोजना समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी में कृषि और जल क्षेत्रों को उल्लेखनीय मान्यता मिली है। भारत और इजरायल 'भारत-इजरायल कृषि परियोजना उत्कृष्टता केंद्र' और 'भारत-इजराइल उत्कृष्टता गांव' परियोजना लागू कर रहे हैं। एकीकृत बागवानी विकास मिशन-एमआईडीएच, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और एमएएसएचएवी-अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग के लिए इज़राइल की एजेंसी इज़राइल के सबसे बड़े जी2जी सहयोग का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें भारत के 12 राज्यों में 29 परिचालन केंद्र हैं, जो स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार इजरायली कृषि-प्रौद्योगिकी के साथ प्रगतिशील-सघन खेती-बाड़ी को लागू कर रहे हैं।
भारत-इजरायल कृषि परियोजना उत्कृष्टता केंद्र किसानों को जानकारी प्रदान करते हैं, किसानी की सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करते हैं और किसानों को प्रशिक्षित करते हैं। हर साल ये उत्कृष्टता केंद्र 25 मिलियन से अधिक गुणवत्ता वाली सब्जी के पौधे, 387 हजार से अधिक गुणवत्ता वाले फलों के पौधों का उत्पादन करते हैं और 1.2 लाख से अधिक किसानों को बागवानी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक के बारे में प्रशिक्षित करते हैं। कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर कहा कि कृषि क्षेत्र हमेशा से भारत के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है, भारत सरकार की कृषि नीतियों के कारण भारतीय कृषि क्षेत्र और किसानों के जीवन में एक निश्चित परिवर्तन आया है। कृषिमंत्री ने कहा कि भारत और इजरायल के बीच 1993 से कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध हैं, यह पांचवां आईआईएपी है। उन्होंने कहा कि अबतक हमने 4 कृषि कार्ययोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, यह नई कार्ययोजना कृषि क्षेत्र में कृषक समुदाय के लाभ के लिए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और आपसी सहयोग को और मजबूत करेगी।
कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है और इजरायली आधारित कार्ययोजनाओं के तहत स्थापित ये उत्कृष्टता केंद्र किसानों की आय को दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और इजरायल के बीच प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान से बागवानी की उत्पादकता और गुणवत्ता में काफी सुधार होगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि भारत-इजरायल कृषि कार्ययोजना के तहत स्थापित ये उत्कृष्टता केंद्र बागवानी क्षेत्र में परिवर्तन के केंद्र बन गए हैं। उन्होंने कहा कि नई कार्ययोजना के दौरान हमारा ध्यान इन सीओई के आसपास के गांवों को बड़े पैमाने पर आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से उत्कृष्ट गांवों में बदलने पर होगा। इज़राइल के राजदूत डॉ रॉन मल्का ने कहा कि तीन साल की कार्ययोजना (2021-2023) हमारी बढ़ती साझेदारी की शक्ति को प्रदर्शित करती है और उत्कृष्टता केंद्रों और उत्कृष्टता गांवों के माध्यम से स्थानीय किसानों को लाभांवित करेगी।
भारत में इज़राइल की कृषि कार्ययोजना का उद्देश्य मौजूदा उत्कृष्टता केंद्रों को विकसित करना, नए केंद्र स्थापित करना, सीओई की मूल्य श्रृंखला को बढ़ाना, उत्कृष्टता केंद्रों को आत्मनिर्भर मोड में लाना और निजी क्षेत्र की कंपनियों और सहयोग को प्रोत्साहित करना होगा। जहां तक भारत-इजरायल उत्कृष्टता गांव का प्रश्न है, यह एक नई अवधारणा है, जिसका लक्ष्य आठ राज्यों में कृषि में एक आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है, जिसमें 75 गांवों में 13 उत्कृष्टता केंद्र शामिल हैं। यह कार्यक्रम किसानों की शुद्ध आय में वृद्धि को बढ़ावा देगा और उनकी आजीविका को बेहतर करेगा, पारंपरिक खेतों को आईआईएपी मानकों के आधार पर आधुनिक-प्रगतिशील कृषि क्षेत्र में बदल देगा। आर्थिक स्थिरता के साथ बड़े पैमाने पर और पूर्ण मूल्य श्रृंखला दृष्टिकोण, इजरायल की आधुनिक प्रौद्योगिकियों और कार्यप्रणाली के साथ अंतर्निहित स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप होगा। आईआईवीओई कार्यक्रम में आधुनिक कृषि अवसंरचना, क्षमता निर्माण, बाजार से जुड़ाव पर ध्यान दिया जाएगा। कार्ययोजना समझौता कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी, इजरायल के विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और कृषि और किसान कल्याण, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।