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Thursday 3 June 2021 04:25:12 PM
नई दिल्ली। भारत ने यूनाइटेड किंगडम (यूके) के साथ नई कार्य प्रक्रियाओं की शुरुआत की है। ये कार्य प्रक्रियाएं साफ ऊर्जा सम्बंधी पहलों के तहत औद्योगिक ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहन देने के लिए शुरु की गई हैं। उल्लेखनीय है कि ऊर्जा प्रमुखों की 12वीं बैठक क्लीन एनर्जी मिनिस्टेरियल-इंडस्ट्रियल डीप डीकार्बनाइजेशन इनीशियेटिव 31 मई से नई दिल्ली में चल रही है और छह जून 2021 तक चलेगी। इसका आयोजन यूनाइटेड नेशन्स इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑर्गनाईजेशन (यूनीडू) के सौजन्य से हो रहा है। आईडीडीआई की पहलों को जर्मनी और कनाडा का समर्थन प्राप्त है और आशा है कि कई अन्य देश भी जल्द इससे जुड़ जाएंगे।
ऊर्जा प्रमुखों की बैठक का उद्देश्य हरित प्रौद्योगिकियों को लागू करना और कम कार्बन उत्सर्जन करने वाले औद्योगिक साजो-सामान की मांग बढ़ाना है। बिजली मंत्रालय में सचिव आलोक कुमार ने इस अवसर पर कहा है कि भारत 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद की प्रति इकाई के हिसाब से उत्सर्जन सघनता को 33 से 35 प्रतिशत तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह संकल्प लौह व इस्पात, सीमेंट और पेट्रो-रसायन जैसे ऊर्जा आधारित क्षेत्रों में कम कार्बन उत्सर्जन वाली प्रौद्योगिकियों के कारगर विकास से पूरा किया जाएगा। आलोक कुमार ने बताया कि सरकारी नीतियों के कारण मांग के मद्देनज़र ऊर्जा में जबरदस्त बचत दर्ज की गई है।