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Saturday 5 June 2021 04:30:03 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राजमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पंचायतों केलिए एक आदर्श नागरिक घोषणापत्र जारी किया है। यह आदर्श घोषणा पत्र उनतीस क्षेत्रों में नागरिकों केलिए बुनियादी सेवाओं की सुपुर्दगी से संबंधित है, जिसे पंचायतीराज मंत्रालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थान के सहयोग से विकास के लक्ष्यों के अनुकूल कार्य करने केलिए जारी किया है। पंचायतीराज मंत्री ने इस अवसर पर कहाकि यह नागरिक घोषणा पत्र सेवाओं डिजाइनिंग एवं सुपुर्दगी करते हुए स्थाई विकास हेतु सार्वजनिक सेवाओं की पारदर्शी एवं प्रभावी सुपुर्दगी सुनिश्चित करेगा और विभिन्न मतों को सम्मिलित करके नागरिक सेवा अनुभवों, गहरे समावेशी एवं स्थानीय सरकारों की जवाबदेही को बढ़ाएगा। गौरतलब है कि पंचायतें ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार का तीसरा स्तर है और भारतीय जनता के 60 प्रतिशत से अधिक केलिए सरकार के साथ सम्पर्क का प्रथम स्तर है। पंचायतें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 में यथा विहित बुनियादी सेवाओं विशेषकर स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, शिक्षा, पोषण, पेयजल की सुपुर्दगी केलिए उत्तरदायी हैं।
पंचायती राजमंत्री ने कहा कि पंचायतों को लोगों के दैनिक जीवन से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण कार्य सौंपे गए हैं। उन्होंने जमीनी स्तरपर कोविड-19 की अप्रत्याशित महामारी की रोकथाम एवं प्रबंधन में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नागरिक घोषणापत्र का उद्देश्य लोगों को सेवाएं समयबद्ध तरीके से प्रदान करना, उनकी शिकायतों का निपटान करना और उनके जीवन में सुधार लाना है। पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि यह घोषणापत्र जहां एक ओर नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में जागरुक करेगा तो दूसरी ओर पंचायतों एवं उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को लोगों के प्रति सीधे जवाबदेह बनाएगा। उन्होंने आशा की है कि पंचायतें इस फ्रेमवर्क का उपयोग नागरिक घोषणा पत्र बनाने में करेंगी और 15 अगस्त 2021 तक इसे ग्रामसभा के संकल्प के माध्यम से अंगिकार करेंगी। उन्होंने राज्यों से समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने का अनुरोध किया है।
पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव ने बताया कि ग्राम पंचायत नागरिक घोषणापत्र का मूल उद्देश्य बिना किसी द्वेष पक्षपात के नागरिकों की आकांक्षाओं के अनुसार नागरिकों को सार्वजनिक सेवाओं के संबंध में सशक्त बनाना और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। यह आशा है कि पंचायतें इस रूपरेखा का उपयोग करते हुए और ग्रामसभा के यथोचित अनुमोदन से एक नागरिक घोषणापत्र बनाएंगी, जिसमें पंचायत द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की विभिन्न श्रेणियों, ऐसी सेवाओं के लिए शर्तों और ऐसी सेवाओं की समय-सीमा का विस्तृत ब्यौरा होगा। इस कार्यक्रम में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों, राजस्थान, असम, बिहार, हरियाणा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, सिक्किम, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के पंचायतीराज विभाग के मंत्रियों, पंचायतीराज सचिवों, राज्य के अधिकारियों और ग्रामीण विकास मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जलशक्ति मंत्रालय, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों ने वर्चुअल रूपसे भाग लिया।