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Saturday 12 June 2021 12:33:30 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क भवन नई दिल्ली में सीमा सड़क संगठन के स्थापित उत्कृष्टता केंद्रों को देश को समर्पित कर दिया है। इन केंद्रों की स्थापना सड़क सुरक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के साथ-साथ सड़कों, पुलों, हवाई क्षेत्रों और सुरंगों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए की गई है। सड़क सुरक्षा और जागरुकता केंद्र का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण के साझाकरण के माध्यम से सड़क सुरक्षा के बारे में जागरुकता पैदा करना और बहुमूल्य जीवन बचाने के तरीके सुझाना है। सड़कों, पुलों, वायु क्षेत्रों और सुरंगों के लिए उत्कृष्टता केंद्र लगभग 60,000 किलोमीटर सड़कों, 56,000 मीटर पुलों, 19 हवाई अड्डों और देश के पूर्वी एवं उत्तर-पश्चिमी भाग में चार सुरंगों के विकास में वर्षों में प्राप्त ज्ञान को संस्थागत बनाने पर केंद्रित हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया है कि सीमा सड़क संगठन बहुमूल्य जीवन को बचाने में अपनी उल्लेखनीय भूमिका निभाता रहेगा। सड़क दुर्घटनाओं को एक मूक महामारी बताते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति, मोटर वाहन अधिनियम 2020 जैसी अनेक शुरुआतें की हुई हैं और इस समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट की पहचान भी की है और उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना इस दिशा में एक और सकारात्मक कदम है। रक्षामंत्री ने सुदूर क्षेत्रों में सड़कों, सुरंगों और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण से राष्ट्र की प्रगति में बीआरओ की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूपसे कोविड-19 महामारी के दौरान कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कठिन मौसम की स्थिति में अथक परिश्रम करने के लिए बीआरओ के प्रयास सराहे।
कनेक्टिविटी को राष्ट्र की प्रगति का एक अनिवार्य घटक बताते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बीआरओ सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने अटल सुरंग, रोहतांग, कैलाश मानसरोवर रोड और जोजिला दर्रे के अत्याधुनिक निर्माण सहित बीआरओ की हालिया उपलब्धियों का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने नवीन सोच वाले नारों और साइनबोर्ड के माध्यम से सड़क सुरक्षा के बारे में जागरुकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने को कहा। राजनाथ सिंह ने बीआरओ के विकास के लिए सरकार के विभिन्न उपायों को भी सूचीबद्ध किया, इनमें बीआरओ के बजट में वृद्धि, कर्मियों के लिए ऊंचाई वाले स्थानों पर पहने जाने वाले विशेष कपड़ों को मंजूरी देने के साथ-साथ संगठन का मनोबल बढ़ाने के लिए कैडर रिव्यू शामिल हैं। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के निरंतर साथ का आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार देश के दूर-दराज के क्षेत्रों की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बीआरओ कर्मियों को भी याद किया।
रक्षामंत्री ने बीआरओ कर्मियों की कार्य दक्षता, उनके मानव संसाधन प्रबंधन, भर्ती प्रबंधन, नामांकन और कार्य प्रबंधन को अनुकूलित करने के लिए विकसित किए गए चार सॉफ्टवेयर भी लॉंच किए। बीआरओ ने कार्बन फुटप्रिन्ट को कम करने को ध्यान में रखते हुए कागजी कार्रवाई को कम करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाया है। राजनाथ सिंह ने सॉफ्टवेयर के विकास को आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया अभियानों का एक बड़ा उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर से संगठन की कार्यकुशलता में और सुधार होगा, इसका आधुनिकीकरण होगा और समय की बचत होगी। इस अवसर पर कंचन उगरसंडी द्वारा लद्दाख के उमलिंग ला दर्रे और वापसी तक पहली बार सोलो महिला मोटरसाइकिल अभियान को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। रक्षामंत्री ने कंचन उगरसंडी को शुभकामनाएं दीं और विश्वास व्यक्त किया कि वह सफलता की नवीन ऊंचाइयां छूती हुई सामने आएंगी और नए कीर्तिमान स्थापित करके कार्य पूरा करेंगी।
सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को हाल के वर्षों में बीआरओ की पहलों और उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने रक्षामंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की संकल्पना को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान में जारी और भविष्य की परियोजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने रक्षामंत्री को दूर-दराज के क्षेत्रों में कोविड-19 और आजादी का अमृत महोत्सव से संबंधित बीआरओ के जागरुकता अभियानों की भी जानकारी दी। सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक ने कहा कि बीआरओ राष्ट्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और संगठन की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक बदलाव लाएगा। इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार सहित भी मौजूद थे।