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Sunday 13 June 2021 05:21:08 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अगले पांच वर्ष केलिए रक्षा उत्कृष्टता में नवाचार-रक्षा नवाचार संगठन के लिए नवाचार हेतु 498.8 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता को मंजूरी दे दी है। बजटीय सहायता से आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि आई-डीईएक्स- डीआईओ का देश की रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण प्राथमिक उद्देश्य है। रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा आई-डीईएक्स के निर्माण और डीआईओ की स्थापना का उद्देश्य एमएसएमई, स्टार्ट-अप्स, व्यक्तिगत नवोन्मेषकों, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और शिक्षाजगत समेत उद्योगों को शामिल करके रक्षा और एयरोस्पेस में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक ईको सिस्टम का निर्माण करना और उन्हें अनुसंधान विकास के लिए अनुदान या वित्तपोषण और अन्य सहायता प्रदान करना है, जिसके भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस जरूरतों में अपनाने की संभावना है।
बजटीय सहायता वाली योजना का उद्देश्य डीआईओ फ्रेमवर्क के तहत लगभग 300 स्टार्ट-अप्स या एमएसएमई एवं व्यक्तिगत नवोन्मेषकों और 20 साझेदार इनक्यूबेटर को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह रक्षा जरूरतों के बारे में भारतीय नवाचार पारितंत्र में जागरुकता बढ़ाने और इसके विपरीत भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान में उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अभिनव समाधान देने की उनकी क्षमता के प्रति जागरुकता पैदा करने में सहायता करेगा। डीआईओ अपनी टीम के साथ नवोन्मेषकों के लिए चैनल बनाने में सक्षम होगा, ताकि भारतीय रक्षा उत्पादन उद्योग से जुड़ सकें और उनके साथ बातचीत की जा सके। भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए नई, स्वदेशी और अभिनव प्रौद्योगिकियों के तेजी से विकास को भी सुगम बनाना है, ताकि कम समयसीमा में उनकी जरूरतों को पूरा किया जा सके।
रक्षा और एयरोस्पेस के लिए सहनिर्माण को प्रोत्साहित करने केलिए अभिनव स्टार्ट-अप्स के साथ संबंध स्थापित करने की संस्कृति का विकास करना, रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के भीतर प्रौद्योगिकी सहनिर्माण और सह नवाचार की संस्कृति को सशक्त बनाना और स्टार्ट-अप के बीच नवाचार को बढ़ावा देकर उन्हें ईको सिस्टम का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करना है। डीडीपी पार्टनर इनक्यूबेटर के रूपमें आई-डीईएक्स नेटवर्क की स्थापना और प्रबंधन के लिए डीआईओ को धन जारी करेगा, यह रक्षा और एयरोस्पेस जरूरतों के बारे में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के पार्टनर इनक्यूबेटर सहित पार्टनर इनक्यूबेटर के माध्यम से एमएसएमई के नवोन्मेषकों, प्रौद्योगिकी केंद्रों के साथ संवाद करेगा, यह संभावित प्रौद्योगिकियों और संस्थाओं को शॉर्टलिस्ट करने और रक्षा एवं एयरोस्पेस सेटअप पर उनकी उपयोगिता और प्रभाव के संदर्भ में नवोन्मेषकों की विकसित प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न चुनौतियों/ हैकथॉन का आयोजन करेगा।
पायलटों को सक्षम और वित्तपोषित करने के उद्देश्य हेतु अन्य गतिविधियों में निर्धारित नवाचार निधियों का उपयोग करके पायलटों को सक्षम बनाना और उनका वित्तपोषण करना, प्रमुख नवीन प्रौद्योगिकियों के बारे में सशस्त्र बलों के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करना और उपयुक्त सहायता के साथ रक्षा प्रतिष्ठान में उनको अपनाए जाने को प्रोत्साहित करना, सफलतापूर्वक संचालित प्रौद्योगिकियों केलिए विनिर्माण सुविधाओं में स्केल-अप, स्वदेशीकरण तथा एकीकरण को सुगम बनाना और पूरे देश में आउटरीच गतिविधियों का आयोजन करना शामिल है।