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भारत में सी प्लेन सेवाओं के लिए समझौता

सी प्लेन के माध्यम से इको-फ्रेंडली परिवहन को मिलेगा बढ़ावा

देश के समुद्री और नागरिक उड्डयन क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 16 June 2021 03:16:44 PM

agreement for the development of seaplane services

नई दिल्ली। बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच भारत में सी-प्लेन सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मंडाविया और केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने इस करार को सी प्लेन परियोजना के निर्माण को वास्तविक बनाने में एक प्रमुख मील का पत्थर माना है। समझौते में भारत सरकार की आरसीएस-उड़ान स्कीम के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर सी-प्लेन सर्विसेज के गैर-अधिसूचित या अधिसूचित प्रचालन के विकास की परिकल्पना की गई है। एमओयू के अनुसार विभिन्न स्थानों पर सी-प्लेन सर्विसेज के प्रचालन के कार्य को समय पर पूरा करने केलिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्रालय तथा पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक समन्वयन समिति गठित की जाएगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय बंदरगाह जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्रालय, सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के सी-प्लेन आपरेटिंग रूटों के प्रचालन के कार्य पर विचार करेंगे, जैसाकि सभी एजेंसियों ने चिन्हित और सुझाया है। मनसुख मंडाविया ने इस अवसर पर कहा है कि यह समझौता भारतीय मैरीटाइम तथा नागरिक उड्डयन क्षेत्र केलिए क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा, क्योंकि यह सी प्लेन के माध्यम से इको-फ्रेंडली परिवहन को बढ़ावा देने के जरिए न केवल देशभर में निर्बाधित कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, बल्कि पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगा। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि दोनों मंत्रालयों के बीच यह करार नए वाटर एयरोड्रोम के विकास में तेजी लाने और भारत में नए सी-प्लेन रूटों के प्रचालन में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह भारत में नए प्रकार की टूरिज्म सर्विस के प्रावधान को बढ़ाएगा। बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्रालय सी-प्लेन प्रचालनों को आरंभ करने के लिए सुविधाओं के विकास में शामिल सभी कार्यकलापों केलिए समयसीमा निर्धारित करके एयरोड्रोम के वाटर फ्रंट अवसंरचना की पहचान तथा विकास करेगा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए और एएआई के समन्वय से आवश्यक वैधानिक मंजूरियों को प्राप्त करेगा।
सी प्लेन सेवाओं के समझौते के तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय बिडिंग प्रक्रिया के जरिए अपने वाणिज्यिक विचार के आधार पर बोली लगाएगा, बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्रालय के पहचाने गए लोकेशनों या रूटों तथा उड़ान स्कीम दस्तावेज़ में बोली प्रक्रिया के जरिए चिन्हित रूटों को शामिल करेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय आरसीएस-उड़ान स्कीम के तहत प्रदान किए गए वाटर एयरोड्रोम के संबंध में फंड या वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए तथा सी-प्लेन प्रचालनों के लिए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ समन्वय करने केलिए भी उत्तरदायी है। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खारोला, बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्रालय के सचिव डॉ संजीव रंजन, पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष संजीव कुमार भी उपस्थित थे।

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