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Wednesday 16 June 2021 06:14:37 PM
नई दिल्ली। भारत के बागवानी क्षेत्रों में इज़राइली प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज संयुक्त रूपसे भारत-इजरायल कृषि परियोजना के तहत कर्नाटक में स्थापित 3 उत्कृष्टता केंद्रों का उद्घाटन किया है। कृषिमंत्री ने इस अवसर पर कहा है कि तकनीकी मामले में भारत-इज़राइल एक साथ काम कर रहे हैं, जिसके परिणाम अच्छे रूपमें परिलक्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इजराइली तकनीक से स्थापित सेंटर्स बहुत सफल रहे हैं, ये सेंटर्स किसानों की आय दोगुनी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जोकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना भी है। उन्होंने कहा कि भारत और इजराइल के बीच तकनीकी साझेदारी से कृषि उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसानों को उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिल रही है, इससे उपज के दाम अच्छे मिलते हैं।
कृषिमंत्री ने कहा कि सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस ने नई तकनीकों के प्रचार-प्रसार एवं प्रदर्शन के साथ-साथ इनके आसपास के किसानों और फील्ड स्टाफ को प्रासंगिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इजराइल के तकनीकी सहयोग से एकीकृत बागवानी विकास मिशन से वित्तपोषित 34 सीओई अनुमोदित किए गए हैं, जिनमें से 29 सेंटर्स सफलतापूर्वक अपनी भूमिका निभा रहे हैं और इनका सुफल किसानों को मिल रहा हैं। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र से आनेवाली देश की कुल जीडीपी में कर्नाटक का बागवानी क्षेत्र अहम योगदान दे रहा है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि नवीनतम पद्धतियों का इस्तेमाल होना चाहिए, जिसके लिए इजराइली विशेषज्ञों के तकनीकी सहयोग से आईआईएपी के अंतर्गत इन सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है, इन सीओई में हर साल 50 हजार ग्राफ्ट पौध उत्पादन व 25 लाख सब्जियों की पौध के उत्पादन की क्षमता है और बागवानी में आधुनिक खेती पद्धतियों के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए हजारों किसान अवलोकन कर चुके हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इन सीईओ ने वर्ष 2021-22 के दौरान इंडो-इजराइल विलेजिज ऑफ एक्सीलेंस के रूपमें विकसित करने के लिए 10 गांव को गोद लिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सेंटर्स से कृषक समुदाय को नवीनतम तकनीकें प्राप्त करने, उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने में सहायता मिलेगी, जिससे अर्थव्यवस्था में स्थायित्व आएगा। कृषिमंत्री ने कहा कि भारत, विश्व में बागवानी फसलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, भारत विश्व की कुल फलों तथा सब्जियों का लगभग 12 प्रतिशत उत्पादन करता है, वर्ष 2019-20 के दौरान भारत ने भारतीय बागवानी के इतिहास में 320.77 मिलियन मीट्रिक टन के उच्चतम बागवानी उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है। वर्ष 2020-21 में बागवानी उत्पादन 326.6 मिलियन मीट्रिक टन होने की संभावना है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा है। विश्व में बागवानी फसलों का भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक तो है, लेकिन विश्व बागवानी व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है। भारत सरकार ने बागवानी फसलों की कटाई के बाद होने वाले नुकसान तथा बागवानी उत्पादों के आयात में कमी लाने पर की दिशा में अनेक उपाय किए हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड तथा 10 हजार कृषक उत्पादक संगठन बनाने की महत्वाकांक्षी योजनाएं इस संबंध में विशेष उल्लेखनीय हैं। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक में आईआईएपी के तहत सीओई स्थापना के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करने केलिए केंद्र सरकार और इज़राइल को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कर्नाटक में बागवानी उत्पादों की उपलब्धियां बताते हुए उत्पादकता एवं गुणवत्ता में निरंतर सुधार लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों के जरिये किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का एकीकृत बागवानी विकास मिशन डिवीजन और मशाव-इज़राइल की अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी, इज़राइल के सबसे बड़े G2G सहयोग का नेतृत्व कर रहे हैं। भारत में 12 राज्यों में 29 ऑपरेशनल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस सहित स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप उन्नत इज़राइली एग्रो-प्रौद्योगिकी को लागू कर रहे हैं। इन 29 पूर्णतः क्रियाशील सीओई में से 3 कर्नाटक से हैं, ये हैं-आम केलिए कोलार सेंटर, अनार के लिए बागलकोट सेंटर और सब्जियों के लिए धारवाड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस। ये उत्कृष्टता केंद्र ज्ञान सृजन, सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन और अधिकारियों एवं किसानों को भी प्रशिक्षित करेंगे।
कर्नाटक के बागवानी और रेशम उत्पादन मंत्री आर शंकर ने कहा कि कर्नाटक के प्रगतिशील किसान इन केंद्रों की विकसित नवीन तकनीकों को अपनाने के लिए बहुत उत्साही हैं। भारत में इज़राइल के राजदूत डॉ रॉन मल्का ने कहा कि हम कृषि में कर्नाटक सरकार के साथ सहयोग करने के लिए गर्वित एवं उत्साहित हैं, जो भारत-इजरायल साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हमने तीन उत्कृष्टता केंद्रों का उद्घाटन ऐसे समय में किया है, जब हमारे देशों के बीच संबंध मजबूत और विस्तारित हो रहे हैं, यह राज्य के कृषि क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर है और स्थानीय किसानों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा में बढ़त देगा। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला व कैलाश चौधरी, कृषि सचिव संजय अग्रवाल, संयुक्त सचिव राजबीर सिंह एवं इजराइल दूतावास-मशाव के काउंसलर डान अल्लफ, कर्नाटक के बागवानी के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार कटारिया और बागवानी निदेशक बी फोजिया तरन्नुम, इजरायल के विदेश एवं कृषि मंत्रालय और कर्नाटक के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।