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Wednesday 23 June 2021 12:13:09 PM
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तटरक्षक केलिए लगभग 583 करोड़ रुपये की लागत से दो प्रदूषण नियंत्रण जहाजों के निर्माण हेतु गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इन विशेष भूमिका वाले जहाजों को जीएसएल स्वदेशी रूपसे डिजाइन और विकसित करेगा। यह अधिग्रहण बाय इंडियन-स्वदेशी रूपसे डिजाइन और निर्माण केतहत किया गया है, जो रक्षा पूंजी खरीद के अंतर्गत सर्वोच्च प्राथमिकता श्रेणी है। इस अधिग्रहण से समुद्र में तेल रिसाव आपदाओं से निपटने के लिए आईसीजी की क्षमता में काफी वृद्धि होगी और प्रदूषण प्रतिक्रिया दक्षता में भी बढ़ोतरी होगी। इन दोनों जहाजों को क्रमश नवंबर 2024 और मई 2025 तक डिलीवरी के लिए निर्धारित किया गया है।
भारतीय तटरक्षक के पास वर्तमान में मुंबई, विशाखापत्तनम और पोरबंदर में अपने बेड़े में तीन पीसीवी हैं, ताकि भारतीय ईईजेड और आसपास के द्वीपों में समर्पित प्रदूषण निगरानी, तेल रिसाव निगरानी या प्रतिक्रिया अभियान चलाया जा सके। जिन नए पीसीवी की योजना बनाई गई है, वो पूर्वी क्षेत्र तथा पारिस्थितिकी रूपसे संवेदनशील अंडमान व निकोबार क्षेत्रों में प्रदूषण प्रतिक्रिया संबंधी ज़रूरतों के लिए हैं। इनपर हेलीकॉप्टर संचालन की क्षमता के साथ अनेक उन्नत सुविधाएं होंगी, जिनमें समुद्र में तेल रिसाव के लिहाज से तेल को रोकने, संग्रहित करने तथा फैलाव के लिए आला प्रौद्योगिकी वाले पीआर उपकरण होंगे। आत्मनिर्भर भारत अभियान के उद्देश्यों को पूरा करते हुए यह अनुबंध स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता को और बढ़ावा देगा एवं जहाज निर्माण क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों को बढ़ाएगा, जिसमें लगभग 200 एमएसएमई विक्रेता शामिल हैं।