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Friday 25 June 2021 11:32:43 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर में परिसीमन पूर्ण राज्य का दर्जा और फिर वहां चुनाव कराने के मुद्दे पर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर की आठ पार्टियों के प्रतिनिधियों-अध्यक्षों नेताओं की सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, नेशनल कॉंफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला, पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद समेत 14 नेता शामिल हुए। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35ए खत्म होने के बाद पहलीबार कश्मीरी नेता प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर इस बैठक में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को ले जाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा, वहां चारों ओर विकास हो, हर इलाके, हर समुदाय तक विकास पहुंचे, इसके लिए साझेदारी हो और जनभागीदारी का एक माहौल बनाया रखा जाए।
बैठक में प्रधानमंत्री ने कश्मीर में सहयोगपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण विकसित करने के आह्वान के साथ कश्मीरी नेताओं से कहा कि दिल्ली और दिल की दूरी कम होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने जम्मू और कश्मीर के नेताओं के साथ मुलाकात को विकसित और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर की दिशा में चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जहां सर्वांगीण विकास को आगे बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री ने बैठक के बाद सिलसिलेवार ट्वीट्स में कहा कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक में हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना थी। उन्होंने कहा कि वहां परिसीमन तेज गति से होना है, जिससे चुनाव कराए जा सकें और जम्मू-कश्मीर को एक चुनी हुई सरकार मिल सके जो जम्मू-कश्मीर के विकास को मजबूती दे। उन्होंने कहा कि चुनाव हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत हैं और लोग एक मेज पर बैठकर विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा है कि खासकर युवाओं को जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक नेतृत्व देना है और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आकांक्षाएं पूरी हों।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक के उपरांत पीएमओ में राज्यमंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने एक वक्तव्य में कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास और लोकतंत्र को मजबूती देने की दिशा में यह एक बहुत ही सकारात्मक प्रयास रहा है, बैठक बहुत ही अच्छे वातावरण में हुई है, सभी ने भारत के लोकतंत्र और भारत के संविधान के प्रति पूरी निष्ठा जताई है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति, परिस्थिति और बेहतर होते हालात से सभी नेताओं को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरी गंभीरता के साथ हर पक्ष, हर तर्क, हर सुझाव को सुना और उन्होंने इस बात को सराहा कि सभी जनप्रतिनिधियों ने खुले मन से अपनी-अपनी बात रखी है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात को भी रखा कि जम्मू-कश्मीर में पंचायतीराज से लेकर दूसरे स्थानीय निकायों से जुड़े सभी चुनाव सफलतापूर्वक हो चुके हैं, सुरक्षा से जुड़े हालात भी बेहतर हो रहे हैं। पंचायत चुनावों के बाद करीब बारह हजार करोड़ रुपये सीधे-सीधे पंचायतों के पास पहुंचे हैं। इससे गांव में विकास की रफ्तार को गति मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़े अगले महत्वपूर्ण कदम यानि विधानसभा चुनाव की तरफ हमें मिलकर जाना है, इसके लिए डिलिमिटेशन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना होगा, ताकि हर क्षेत्र, हर वर्ग को पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व विधानसभा में प्राप्त हो सके, विशेष रूपसे दलितों, पिछड़ों, जनजाति क्षेत्रों के साथियों को एक उचित प्रतिनिधित्व देना आवश्यक है। डिलिमिटेशन की इस प्रक्रिया में सभी की हिस्सेदारी हो, इसको लेकर के बैठक में विस्तार से बातचीत हुई। बैठक में मौजूद सभी दलों ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए सहमति जताई है। प्रधानमंत्री ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर को शांति और समृद्धि के पथ पर ले जाने के लिए ऐसे ही सभी हितधारकों को मिलकर साथ चलना होगा। उन्होंने कहा आज जम्मू-कश्मीर हिंसा के कुचक्र से बाहर निकल कर स्थिरता की तरफ बढ़ रहा है, जम्मू-कश्मीर की जनता में एक नई आशा जगी है, नया आत्मविश्वास आया है। प्रधानमंत्री यह भी बोले कि हमें आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए, भरोसे को और मजबूत करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी होगी। माना जा रहा है कि यह सर्वदलीय बैठक जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूती देने और जम्मू-कश्मीर के विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।