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Tuesday 6 July 2021 04:36:59 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने को-विन ग्लोबल कॉन्क्लेव को संबोधित किया, जहां भारत ने 142 देशों के प्रतिनिधियों की वर्चुअल वैश्विक बैठक में विश्व के सामने स्वदेशी रूपसे विकसित को-विन प्लेटफॉर्म को प्रस्तुत किया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की, जिसका आयोजन को-विन के जरिए विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की योजना बनाने, रणनीति बनाने तथा क्रियांवित करने के संबंध में भारत की सीख तथा अनुभवों को साझा करने के लिए किया गया था। बांग्लादेश के आईसीटी के राज्यमंत्री जुनैद अहमद पलक, भूटान की स्वास्थ्य मंत्री ल्योन्पो डेचेन वांग्मो, जिबूती के स्वास्थ्य मंत्री डॉ अहमद रोबले अब्दिलेह, गुयाना के स्वास्थ्य मंत्री डॉ फ्रैंक सी एंथोनी, मालदीव के स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ शाह माहिर, अफगानिस्तान के जनस्वास्थ्य मंत्री डॉ वाहिद मजरूह ने भी वर्चुअल माध्यम से कॉन्क्लेव में भाग लिया।
ग्लोबल कॉन्क्लेव का आयोजन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने संयुक्त रूपसे किया, जिसका उद्देश्य डिजिटल सार्वजनिक भलाई के रूपमें को-विन प्लेटफॉर्म को विश्व के सामने प्रस्तुत करना था। प्रधानमंत्री ने को-विन प्लेटफॉर्म के प्रति दुनियाभर के देशों के प्रदर्शित उत्साह एवं दिलचस्पी पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि भारत कोरोना महामारी से जंग में वैश्विक समुदाय के साथ अनुभवों, विशेषज्ञता तथा संसाधनों को साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी, कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई का अभिन्न हिस्सा है, सौभाग्य से सॉफ्टवेयर एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आज की विश्वव्यापी दुनिया में महामारी के बाद की दुनिया को सामान्य अवस्था में लौटना है तो ऐसा डिजिटल नज़रिया अपनाना आवश्यक होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सभ्यता पूरी दुनिया को एक परिवार मानती है, इस महामारी ने कई लोगों को इस सिद्धांत की मूलभूत सच्चाई महसूस कराई है। उन्होंने कहा कि ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर मानवता निश्चित रूपसे कोरोना महामारी पर विजय प्राप्त करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि को-विन हमारी डिजिटल इंडिया पहल का गौरव है, हमने एक मजबूत, समावेशी तथा मापनीय प्रणाली विकसित की है, जो किराये की मांग, कालाबाजारी तथा अन्य कदाचारों को रोक सकती है। उन्होंने कहा कि को-विन प्लेटफॉर्म को आवश्यकतानुसार विस्तारित किया जा रहा है और मैं उन नए तरीकों को देखकर रोमांचित हूं, जिसके माध्यम से दुनियाभर के देश अपने टीकाकरण अभियानों में तेजी लाने केलिए इस प्लेटफॉर्म का लाभ उठाया जा सकते हैं। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि 1.3 अरब से अधिक लोगों वाले इस देश में को-विन ने सूचना से संबंधित असमानता को दूर करते हुए और हितधारकों को जोड़कर टीकों के निष्पक्ष और समान वितरण के साथ-साथ उनकी अंतिम छोर तक आपूर्ति को सुनिश्चित किया। उन्होंने सभी लोगों को यह भी याद दिलाया कि बहुभाषी सुविधा उपलब्ध कराते हुए उपयोग में आसानी के अतिरिक्त, को-विन ने टीकाकरण के बाद की प्रतिकूल घटनाओं की निरंतर ट्रैकिंग को सक्षम बनाया है, ताकि नागरिकों को न केवल ऐसी प्रतिकूल घटनाओं से निपटने में मदद मिल सके, बल्कि नीति निर्माण के लिए डेटा भी तैयार किया जा सके। डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन में सभी प्रकार का डेटाबेस और ऐसी सुविधाएं होंगी, जिससे जब कभी आवश्यकता होगी, रोगी अपना रिकॉर्ड प्राप्त कर सकता है।
प्रौद्योगिकी एवं डेटा मैनेजमेंट पर अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ आरएस शर्मा ने कहा कि को-विन प्लेटफार्म कोविड-19 के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को कार्यांवित करने केलिए भारत में अग्रणी आईटी विशेषज्ञों का विकसित दुनिया में अपनी तरह का पहला सॉफ्टवेयर है, इसने टीकाकरण केंद्रों को आपूर्ति की गई टीकों की प्रत्येक खुराक की निगरानी करने तथा जमीनी स्तर पर मांग की पूर्ति को रिकॉर्ड करने के लिए एक पारदर्शी प्रणाली को सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि एक सक्रिय प्लेटफॉर्म होने के कारण को-विन किसी भी संशोधन को अपना सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत होने के बाद से ही 1,38,427 कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों के नेटवर्क के जरिये 36.50 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता के माध्यम से कोविन प्लेटफॉर्म पहले ही दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाला तकनीकी प्लेटफॉर्म बन गया है। विदेश मंत्रालय में सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने को-विन प्लेटफॉर्म को एक टेक्नोलॉजी आधार, सक्षमकर्ता और फोर्स-मल्टीप्लायर बताया। उन्होंने कहा कि जैसाकि भारत में परंपरा रही है, यह एक सार्वजनिक भलाई के रूपमें साझा करने के लिए उपलब्ध एक ओपेन प्लेटफॉर्म है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि महामारी के आरंभ में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने कोविड-19 की निगरानी, रोकथाम, पता लगाने और प्रबंधन केलिए मजबूत प्रोटोकॉल का निर्माण किया। सूक्ष्म स्तरपर टेस्टिंग तथा ट्रेसिंग रणनीतियां आरंभ करने के लिए 10 लाख से अधिक अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का एक व्यापक नेटवर्क जुटाया गया, हमने इन प्रयासों को समेकित करने तथा इन्हें बढ़ाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों की शक्ति का उपयोग किया। उन्होंने इसके बारे में बताया कि किस प्रकार कोविड संदिग्ध व्यक्तियों की ट्रेसिंग एवं ट्रैकिंग केलिए आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप, भारत में मामलों की रियल टाइम निगरानी केलिए मंत्रालय में कोविड इंडिया पोर्टल, टेलीमेडिसिन सर्विस केलिए ई-संजीवनी ऐप जैसी आईटी पहलों ने स्वास्थ्य सुविधाओें की भौतिक संरचना में पूरक का काम किया है। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय में अपर सचिव आलोक सक्सेना और विकास शील, एनएचए के डिप्टी सीईओ डॉ विपुल अग्रवाल, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन निदेशक तथा एनएचए के अपर सीईओ डॉ प्रवीण गेदम भी उपस्थित थे।