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Thursday 15 July 2021 03:22:16 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नई पीढ़ी का कौशल विकास राष्ट्रीय आवश्यकता और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है, क्योंकि यही पीढ़ी हमारे गणराज्य को 75 वर्ष से 100 वर्ष तक ले जाएगी। उन्होंने आह्वान किया कि पिछले छह वर्ष के दौरान जो भी अर्जित किया गया है, उससे लाभ उठाने के लिए स्किल इंडिया मिशन को गति देनी होगी। प्रधानमंत्री विश्व युवा कौशल दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में कुशलता की बहुत अहमियत है, कौशल विकास और अप-स्किलिंग के महत्व को समाज की प्रगति से जोड़ना होगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि विजयदशमी, अक्षय तृतीया और विश्वकर्मा पूजन की तरह ही कुशलता को भी उत्सव की तरह मनाया जाना चाहिए, इन सभी त्योहारों में कुशलता और श्रम की पूजा की जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बढ़ई, कुम्हार, लोहार, सफाईकर्मी, माली और बुनकर जैसे पेशों को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया की गुलामी के लंबे दौर में हमारे समाज और शिक्षा प्रणाली में कुशलता की अहमियत कम कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें बताती है कि क्या करना है, लेकिन कौशल हमें उस पर अमल करने का तरीका बताता है, यही स्किल इंडिया मिशन का दिग्दर्शक सिद्धांत है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 1.25 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित किया जा चुका है। दैनिक जीवन में कुशलता की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कमाने के साथ-साथ हमेशा सीखते रहना चाहिए, सीखना कभी नहीं छोड़ना चाहिए, केवल कुशल व्यक्ति ही आज की दुनिया में आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को हुनरमंद और कुशल श्रमशक्ति प्रदान कर रहा है, हमें अपने युवाओं को कुशल बनाने के लिए इसे अपनी रणनीति का अहम हिस्सा बनाना चाहिये।
नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल स्किल गैप मैपिंग पहल की सराहना की और कहा कि हितधारकों को लगातार स्किल, री-स्किल और अपस्किल करते रहना चाहिए, इस प्रक्रिया में तेजी लानी होगी, क्योंकि तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के मद्देनजर री-स्किलिंग की भारी मांग पैदा होने वाली है। प्रधानमंत्री ने याद किया कि कैसे कोरोना महामारी से जंग में हमारे कुशल कामगारों ने उल्लेखनीय मदद की है। प्रधानमंत्री ने बाबासाहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर के विजन का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा कमजोर वर्ग को कुशल बनाने पर जोर दिया था, देश स्किल इंडिया मिशन के जरिए बाबासाहेब के स्वप्न को आकार दे रहा है। उदाहरण के लिए गोइंग ऑनलाइन एज़ लीडर्स-गोल जनजातीय आबादी की सहायता कर रहा है, जिसमें कला, संस्कृति, दस्तकारी, बुनकरी और डिजिटल साक्षरता जैसे क्षेत्र शामिल हैं, इस पहल के जरिए जनजातीय आबादी को उद्यमशील बनाया जा रहा है, इसी तरह वन धन योजना भी जनजातीय समाज को नए-नए अवसरों से जोड़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आनेवाले समय में हमें ऐसे अभियानों को और बढ़ाना होगा और खुद को तथा देश को कौशल विकास के जरिए आत्मनिर्भर बनाना होगा।