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Thursday 29 July 2021 12:06:08 PM
नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा है कि पारदर्शिता और निष्पक्षता ही चुनाव प्रक्रिया की पहचान है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य में मुद्दे और चुनौतियां अलग हो सकती हैं, लेकिन चुनाव योजना में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए मतदाता केंद्रित दृष्टिकोण और भागीदारीपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन सदन में पांच राज्य-गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आगामी विधानसभा चुनाव केलिए अग्रिम योजना पर एक समीक्षा बैठक की। बैठक में मतदान केंद्रों पर निश्चित न्यूनतम सुविधाएं, मतदाता सुविधा केलिए पंजीकरण व्यवस्था में आसानी, मतदाता सूची, शिकायतों का समय पर समाधान, ईवीएम या वीवीपीएटी की व्यवस्था, वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों केलिए डाक मतपत्र सुविधा सहित विभिन्न विषयगत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। कोविड नियंत्रण योजना, मतदान कर्मचारियों का प्रशिक्षण और मतदाताओं के बीच व्यापक पहुंच जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
सीईसी सुशील चंद्रा ने मतदाता सूची की सटीकता के महत्व पर जोर दिया और सीईओ से मतदाता पंजीकरण के संबंध में सभी लंबित आवेदनों के शीघ्र निवारण के लिए कहा। उन्होंने कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया और सभी मतदान केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं व बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने कहा कि चुनाव के सुचारू और पारदर्शी कार्यांवयन केलिए वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा को लागू करने में सभी लॉजिस्टिक चुनौतियों को चुनाव के दौरान पहचानने और उन्हें हल करने की जरूरत है। सुशील चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि उनको उन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से चुनाव प्रबंधन में नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखना और अपनाना चाहिए, जहां चुनाव हो चुके हैं। चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय ने कहा कि चुनाव के प्रत्येक पहलू पर सभी चुनाव सीईओ समय-समय पर और व्यापक निगरानी करें। उन्होंने चुनाव की तैयारी केलिए पांच राज्यों में जमीनी स्तर की चुनाव मशीनरी को सक्रिय करने पर प्रकाश डाला।
चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय ने उल्लेख किया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक जरूरतों के बीच के अंतर को खत्म करने, मतदाता सूची को अपडेट करने और एक व्यापक मतदाता शिक्षा एवं सशक्तिकरण आउटरीच कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। महासचिव उमेश सिन्हा ने कहा कि चुनाव प्रबंधन के लिए चुनाव योजना महत्वपूर्ण है और हर चुनाव केलिए व्यापक एवं समय पर तैयारी की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह पूर्व योजना बैठक राज्यों केलिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने में चुनाव आयोग का मार्गदर्शन लेने और पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की आगे की तैयारी केलिए की गई है। पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने मतदाता सूची की सटीकता, बजट की उपलब्धता, जनशक्ति संसाधनों, स्वीप, योजना, मतदान केंद्रों की व्यवस्था और आईटी एप्लीकेशंस आदि चुनाव के संचालन के विभिन्न पहलुओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ उपचुनाव आयुक्तों, उपचुनाव आयुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।