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नीति आयोग व आरएमआई की विद्युत रिपोर्ट

'भारत की ज्यादातर विद्युत वितरण कंपनियां घाटे में रहती हैं'

रिपोर्ट में देश-दुनिया के बिजली सेक्टर में सुधारों की समीक्षा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 3 August 2021 05:19:10 PM

niti aayog released a report on power distribution sector

नई दिल्ली। नीति आयोग ने आज विद्युत वितरण सेक्टर पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें ऐसे सुधारों के बारे में बताया गया है, जो देश के विद्युत वितरण सेक्टर को बदल देंगे। यह रिपोर्ट बिजली वितरण क्षेत्र सम्बंधी नीति निर्माण में सुधार लाने की पहल है। रिपोर्ट का शीर्षक विद्युत वितरण सेक्टर में आमूल परिवर्तन है और इसे नीति आयोग, आरएमआई और आरएमआई इंडिया ने मिलकर तैयार किया है। उल्लेखनीय है कि आरएमआई इंडिया, भारत में स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में काम करता है और यह अमेरिका के रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट से सम्बद्ध है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने सदस्य नीति आयोग डॉ वीके सारस्वत, कार्यकारी अधिकारी नीति आयोग अमिताभ कांत, विद्युत सचिव आलोक कुमार, अवर सचिव नीति आयोग डॉ राकेश सारवाल और प्रिंसिपल आरएमआई इंडिया अक्षिमा घाटे के साथ यह रिपोर्ट जारी की।
भारत में ज्यादातर बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) हर साल घाटे में रहती हैं। वित्तीय वर्ष 2021 में उन्हें कुल 90,000 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान है। एक के बाद एक होनेवाले घाटे के कारण बिजली उत्पादकों को समय पर भुगतान नहीं कर पातीं, बेहतर तरीके से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने केलिए जरूरी निवेश नहीं कर पातीं या विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल करने की तैयारी नहीं कर पातीं। रिपोर्ट में भारतीय और दुनिया के बिजली वितरण सेक्टर में किए जानेवाले सुधार प्रयासों की समीक्षा की गई है। देश में मौजूद नीतिगत अनुभवों से प्राप्त होने वाले उत्कृष्ट व्यवहारों और सीख को इसमें शामिल किया गया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सुधारों को परखा गया है, जैसेकि वितरण में निजी क्षेत्र की भूमिका, बिजली की खरीद, नियमों की स्थिति, नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण और बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाना।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि एक मजबूत और कारगर वितरण सेक्टर जरूरी है, चाहे व्यापार सुगमता में सुधार लाने के लिए हो या जीवन को और आसान बनाने के लिए हो। रिपोर्ट को अध्यायों में बांटा गया है, जिनके तहत ढांचागत सुधार, नियमों में सुधार, संचालन में सुधार, प्रबंधन में सुधार और नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण को रखा गया है। डॉ वीके सारस्वत ने कहा कि रिपोर्ट में नीति निर्माताओं के लिए सुधार विकल्प की एक पूरी सूची दी गई है, जिससे वे बिजली वितरण सेक्टर को सही रास्ते पर ला सकें और उसे फायदेमंद बना सकें। नीति आयोग इन सुधारों पर अमल करने केलिए कुछ राज्यों के साथ साझेदारी करेगा। आरएमआई के प्रबंध निदेशक क्ले स्ट्रेंजर ने कहा कि डिस्कॉम की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए लंबे और मजबूत समाधान केलिए नीति में बदलाव की जरूरत है, इसके साथ संगठन, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी सम्बंधी सुधार भी करने पड़ेंगे।

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