स्वतंत्र आवाज़
word map

दिव्यांगों को पारिवारिक पेंशन के बड़े परिलाभ!

दिव्यांगों के जीवन में आसानी और बेहतर आर्थिक सुधार के प्रयास

केंद्रीय पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने निर्देश जारी किए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 9 August 2021 01:07:36 PM

dr jitendra singh (file photo)

नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के दिव्यांग बच्चों को पारिवारिक पेंशन परिलाभों में बड़ी वृद्धि मिलेगी और इस संबंध में पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं। इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में जानकारी देते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐसे बच्चों की गरिमा और देखभाल पर विशेष जोर देने के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य उन दिव्यांगों केलिए जीने में आसानी और बेहतर आर्थिक दशाओं का निर्माण करना है, जिन्हें अधिक चिकित्सा देखभाल एवं वित्तीय सहायता की जरूरत होती है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम-1972 के तहत परिवार पेंशन केलिए किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के बच्चे या भाई-बहन की पात्रता केलिए आय मानदंड को उदार बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार का विचार है कि परिवार के अन्य सदस्यों के मामले में लागू होने वाली परिवार पेंशन संबंधी पात्रता के मानदंड शारीरिक रूपसे अशक्त बच्चे या भाई-बहन के मामले में उसी तरह लागू नहीं किए जा सकते, इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने दिव्यांग बच्चों या भाई-बहन के संबंध में परिवार पेंशन की पात्रता केलिए आय से जुड़े मानदंड की समीक्षा की है और यह फैसला किया कि ऐसे बच्चों या भाई-बहनों के परिवार पेंशन की पात्रता केलिए आय से जुड़ा मानदंड, उनके मामले में परिवार पेंशन की पात्र राशि के अनुरूप होगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी का मानसिक या शारीरिक रूपसे अशक्त बच्चा या भाई-बहन जीवनभर परिवार पेंशन के लिए पात्र होगा या होगी, अगर उसकी कुल आय परिवार पेंशन के अलावा सामान्य दर पर पात्र परिवार पेंशन से कम है यानी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के अंतिम वेतन के 30 प्रतिशत हिस्से और उसपर स्वीकृत मंहगाई राहत भत्ते के बराबर या उससे कम है।
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम-1972 के नियम 54(6) के अनुसार मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी का मानसिक या शारीरिक रूपसे अशक्त बच्चा या भाई-बहन आजीवन पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र है, अगर वह किसी ऐसी शारीरिक अशक्तता से पीड़ित है, जिसकी वजह से वह अपनी आजाविका नहीं कमा सकता या सकती। इस समय परिवार का कोई सदस्य, जिसमें शारीरिक रूपसे अशक्त बच्चे या भाई-बहन शामिल हैं को उस स्थिति में अपनी आजीविका कमाने वाला माना जाता है, जब परिवार पेंशन के अलावा अन्य स्रोतों से उसकी आय न्यूनतम परिवार पेंशन यानी 9,000 रुपये और उस पर स्वीकृत मंहगाई राहत भत्ते के बराबर या उससे ज्यादा है। वह मामला जिसमें मानसिक या शारीरिक रूपसे अशक्त बच्चे या भाई-बहन जो वर्तमान में आय के पूर्व मानदंड को पूरा न करने के कारण पारिवारिक पेंशन प्राप्त नहीं कर रहा है, उसे परिवार पेंशन दी जाएगी, अगर वह आय के नए मानदंड को पूरा करता या करती है तथा सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी या पिछले परिवार पेंशनभोगी की मृत्यु के समय परिवार पेंशन केलिए अन्य शर्तों को भी पूरा करता या करती है। हालांकि ऐसे मामलों में वित्तीय लाभ भावी रूपसे अर्जित होंगे और सरकारी कर्मचारी पेंशनभोगी या पिछले परिवार पेंशनभोगी की मृत्यु की तारीख की अवधि से किसी बकाये का भुगतान नहीं किया जाएगा।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]